Faridabad News : सूरजकुंड मेला परिसर स्थित चौपाल पर मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की सचिव एवं सूरजकुंड मेला प्राधिकरण की चेयरपरसन रश्मि वर्मा ने बताया कि 32वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेला 2018 का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो फरवरी 2018 को प्रातः 11 बजे करेंगे। इस समारोह की अध्यक्षता हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे। इस अवसर पर हरियाणा के पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, उत्तर प्रदेश की पर्यटन एवं महिला कल्याण मंत्री प्रो रीता बहुगुणा जोशी, भारत में किरगिज राजदूत समरगुल आदमकुलोबा, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल, बडखल की विधायक सीमा त्रिखा, बल्लभगढ के विधायक मूलचंद शर्मा तथा हरियाणा पर्यटन निगम के चेयरमैन जगदीश चोपडा आदि अन्य कई प्रमुख हस्तियां भी मौजूद रहेंगी।
पहली बार वर्ष 1987 में भारतीय कला हस्तशिल्प व हथकरघा की वैभवता को दर्शाने के लिए सूरजकुंड क्राफ्ट मेला का आयोजन केंद्रीय पर्यटन, टैक्सटाइल, संस्कृति, विदेश मंत्रालय तथा हरियाणा सरकार के सहयोग से सूरजकुंड मेला प्राधिकरण व हरियाणा पर्यटन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह मेला अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर भारतीय शिल्प, संस्कृति व खानपान की विशेष पहचान बन चुका है।
केन्द्रीय पर्यअन मंत्रालय की सचिव श्रीमती रश्मि वर्मा ने बताया कि इस मेले में भारत के विभिन्न राज्य हिस्सा लेते हैं और उन राज्यों के कलाकार व बुुनकर अपनी ऐतिहासिक धरोंहरों व काश्तकारी का यहां पर प्रदर्शन करते हैं। यह मेला ऐसे कलाकारों के लिए एक ऐसा मंच प्रदान करता है जो काश्तकारों व बुनकरों के हाथों से बने सामान को सीधा उपभौक्ताओं तक पहुंचाता है और इसमें कलाकारों को सामान बिक्री करने का एक मौका मिलता है। मेले के दौरान विदेशी पर्यटक यहां आते हैं और वे भी इन कलाकारों का सामान लेते हैं। इस बार इस मेले में उत्तर प्रदेश थीम राज्य के रूप में भाग ले रहा हैं जबकि किग्रीस्तान पार्टनर राष्ट्र हैं। उन्होंने इस अवसर पर देश में बढती पर्यअकों की संख्या के साथ-साथ देश में पर्यटन के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस मेले में एक छोटे भारत की झलक देखने को मिलती है।
हरियाणा पर्यटन के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विजय वर्धन ने बताया कि प्रति वर्ष लाखों पर्यटकों को लुभाने के साथ साथ यह मेला भारतीय शिल्प का संवर्धन कर रहा है। पर्यटकों की बढती संख्या को देखते हुए इस वर्ष 15 दिन के बजाय यह मेला 17 दिन का किया गया है, और इसके अंतर्गत दो की बजाय तीन सप्ताहंत आएंगे। यह मेला दो फरवरी को शुरू होकर 18 फरवरी को संपन्न होगा। डिजिटल इंडिया के तहत मेला की टिकट बुक माई शो डॉट कॉम पर उपलब्ध होंगी। आफलाइन टिकट के लिए गेट नंबर एक पर काउंटरों की संख्या भी बढाई गई है। श्री वर्धन ने बताया कि सहज यातायात एवं पार्किंग के लिए गेट नंबर एक और दो के बीच चार एकड की पार्किंग बढाई गई है। होटल राजहंस से मेला ग्राउंड तक जाने वाला मार्ग कोलकाता के मशहूर कलाकारों द्वारा बनाई गई स्ट्रीट आर्ट पेंटिंग आकर्षण का केंद्र होगी। पर्यटकों के लिए फरीदाबाद और नजदीकी मेट्रो स्टेशनों से मुफ्त फेरी सेवाओं का इंतजाम किया गया है। इस साल 28 देश मेला में भागीदारी की सहमति दे चुके हैं जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 23 थी। गत वर्ष सात देशों के मुकाबले इस वर्ष 14 देशों के कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। 325 विदेशी भागीदारों में 82 शिल्पी भी शामिल हैं। मेले का कुल क्षेत्रफल साढे 42 एकड होगा। करीब सौ एकड भूमि पार्किंग के प्रयोग में लाई जाएगी। इस वर्ष 1071 स्टॉल शिल्पकारों को प्रदान की गई हैं जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 1008 थी। गेट नंबर दो (केरला गेट) को सहज प्रवेश के लिए चौडा किया गया है। मेला परिसर को विशाल द्वारों व सतरंगी लडियों से सजाया गया है। पर्यटकों की सुविधा के लिए सांकेतिक चिन्ह, सूचना पट आदि लगाए गए हैं। हरियाणा के अपना घर का क्षेत्रफल बढाया गया है। जनसुविधा परिसरों व शौचालयों की संख्या बढाई गई है। विद्यार्थियों, वीरांगनाओं, स्वतंत्रता सैनानियों व दिव्यांग जनों के लिए कार्यदिवसों पर विशेष छूट का प्रावधान गत वर्ष की भांति किया गया है।
हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक एवं सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक समीर पाल सरो ने बताया कि पार्टनर देश किरगिस गणतंत्र व अन्य विदेशी कलाकारों द्वारा हर्षोल्लास के साथ प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इस वर्ष उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेला का थीम स्टेट है जो कि अपनी अनोखी संस्कृति एवं समृद्ध कला का प्रदर्शन करेगा। उत्तर प्रदेश द्वारा बनारस के घाट की गेट नंबर एक पर, मुख्य चौपाल पर कुंभ द्वार, गेट नंबर पांच पर अयोध्या द्वार की रेप्लिका और अपना घर भी बनाया गया है। उत्तर प्रदेश के अपना घर में बनारस का बुनकर परिवार वहां के रहन सहन के साथ अपनी संस्कृति की छटा बिखेरेगा। इस मौके पर किग्रीस्तान की मिनिस्टर काऊंसलर श्रीमती फातिमा सुसाहनलो ने भी संबोधित किया।
मेला में टर्की, मोरक्को, थाईलेंड, सीरिया, श्रीलंका, तंजानिया, नीगर, नेपाल, इजिप्ट, दक्षिण अफ्रीका, अफगानिस्तान, न्यूजीलेंड, मालदीव, मॉरीसस, यूगांडा, युक्रेन, बांगलादेश, भूटान, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, लेबनान, कीनिया, तनीषिया, मेडागासकर, रसिया तथा क्रिरगिस गणतंत्र के अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकारों द्वारा पर्यटकों के मनोरंजन के लिए प्रस्तुतियां दी जाएंगी। उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र एवं अन्य क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों द्वारा दिन भर विभिन्न प्रकार के नृत्यों की प्रस्तुति दी जाएगी। जिसमें पंजाब पुलिस समूह द्वारा भांगडा व गिद्दा, हरियाणवी डांस, काला जादू, कच्ची घोडी, बीन पार्टी व बंचारा नगाडा पार्टी आदि शामिल रहेंगी। इसी प्रकार शाम को भी विशेष नृत्य व सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आयोजित होंगी। मशहूर कवि पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा व अन्य कवियों द्वारा हास्य कवि सम्मेलन, मशहूर भोजपुरी गायिका मालिनी अवस्थी, सुजात हुसैन खान, वाव वुमनिया फोकलोर्स बैंड, संजू प्रसाद द्वारा सूफी कव्वाली व गीत, गायिका डा रिंकू कालिया व पद्मजीत सहरावत द्वारा सजदा, अलीशा दीप गर्ग और सन्नी सिसोदिया द्वारा कथक, पंजाबी गायक शंकर साहनी, निजामी ब्रदर्श के सूफियाना गीतों का लुत्फ भी शाम को चौपाल पर मेला दर्शकों को मिलेगा। पर्यटक साढे 42 एकड पर फैले मेला परिसर में बने 1071 स्टॉलों पर शिल्पकारों और 36 फूड स्टॉलों की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इस वर्ष थीम स्टेट उत्तर प्रदेश और पार्टनर देश किरगिस रिपब्लिक सहित होटल प्रबंधन संस्थान फरीदाबाद व पानीपत के स्टॉल पर स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे। हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के एक एक परिवार मेला परिसर में बने अपना घर में संबंधित राज्यों का रहन सहन दर्शाएंगे। यह मेला दो से 18 फरवरी सुबह साढे 10 से रात्रि साढे आठ बजे तक प्रतिदिन खुला रहेगा।
सूरजकुंड का इतिहास
10वीं शताब्दी में तोमर वंश के राजा सूरजपाल द्वारा बनाए गए कुंड पर सूरजकुंड नाम पडा है। यह कुंड सूर्यदेवता की आराधना को दर्शाता है। इस ऐतिहासिक सूरजकुंड पर आयोजित होने वाला मेला भारतीय संस्कृति की समृद्धि एवं विभिन्नता को दर्शाता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा इस कुंड पर आने वाले पर्यटकों का आवागमन एवं स्वच्छता की देखरेख की जाती है।
कैसे पहुंचें सूरजकुंड
आईएसबीटी दिल्ली, शिवाजी स्टेडियम, गुरूग्राम और फरीदाबाद से मेला दिनों में फ्री बस सेवा उपलब्ध रहेगी। हरियाणा के अन्य क्षेत्रों से भी मेला एक्सप्रेस बसें उपलब्ध रहेंगी। बल्लभगढ से तुगलकाबाद मेट्रो स्टेशन वाया सूरजकुंड और तुगलकाबाद मेट्रो स्टेशन से बल्लभगढ वाया सूरजकुंड, बदरपुर मेट्रो स्टेशन से सूरजकुंड 30-30 मिनट के अंतराल पर बसें उपलब्ध रहेंगी। केंद्रीय सचिवालय से बदरपुर वाया सरिता विहार एवं मोहन एस्टेट मेट्रो सर्विस उपलब्ध होगी। फरीदाबाद और दिल्ली के बीच बदरपुर मेला का नजदीकी केंद्र है। मेला परिसर से नजदीकी दिल्ली मेट्रो स्टेशनों व फरीदाबाद से मुफ्त बस सेवा उपलब्ध रहेगी।