Faridabad News, 07 May 2019 : श्री सिद्धदाता आश्रम का पांच दिवसीय 12वां ब्रह्मोत्सव समारोह आज विधि अनुसार प्रारंभ हुआ। इस आयोजन में दक्षिण भारत से आए श्री रामानुज संप्रदाय के विद्वानों ने पूजन करवाया। यहां पांच दिन तक पूजन, प्रवचन, भंडारा, रथयात्राओं आदि का आयोजन होगा। जिसमें हजारों की संख्या में भक्त भागीदारी करेंगे।
श्री वैष्णव परंपरा में ब्रह्मोत्सव को एक प्रकार का स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्री सिद्धदाता आश्रम के ब्रह्मोत्सव की शुरुआत अक्षय तृतीया के दिन होती है और पांच दिन तक आयोजन चलता है। दक्षिण भारतीय मत को मानने वाले श्री सिद्धदाता आश्रम में अधिपति श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज के सान्निध्य में आज ब्रह्मोत्सव का आयोजन प्रारंभ हुआ जिसमें अंकुरारोपण, ध्वजारोहण, अग्नि प्रतिष्ठा, भेरी पूजा एवं देवता आवाहन का आयोजन हुआ। विशिष्ठ दक्षिण शैली में पुरोहितों ने पूजन किया। देवता आवाहन के बाद यहां अगले चार दिन भगवान का विभिन्न प्रकार से पूजन किया जाएगा।
इसमें आठ मई को सुदर्शन यज्ञ, नौ मई को भगवान श्री लक्ष्मीनारायण का विवाहोत्सव, 10 मई को श्री रामानुज जयंती अभिषेक एवं शोभायात्रा और 11 मई को भगवान श्री लक्ष्मीनारायण एवं अन्य सभी देव विग्रहों के साथ विशाल शोभायात्रा तदुपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं भंडारा का आयोजन किया जाएगा।
आश्रम के अधिष्ठाता श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने बताया कि आश्रम के ब्रह्मोत्सव में शामिल होने के लिए भक्तगण पूरे साल इंतजार करते हैं। इसलिए इस आयोजन के लिए तैयारियां भी विशिष्ट होती हैं जिन्हें पूरा करने के लिए भक्त परिवार जुटे रहते हैं। उन्होंने सभी को इस आयोजन में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया।