लिंग्याज विद्यापीठ में पैरामेडिकल प्रयोगशालाओं सहित 5 नए डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारम्भ

0
1463
Spread the love
Spread the love
Faridabad News, 27 Dec 2018 : भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अंतर्गत गत दिसंबर माह से चल रही राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा योजना के अंतगर्त स्थानीय शिक्षण संस्था, लिंग्याज विद्यापीठ ने मेडिकल साइंस के क्षेत्र में 5 नए डिप्लोमा कोर्स का चयन किया है, जिनका शुभारंभ 1 जनवरी 2019 से किया जाएगा।
विभिन्न पैरामेडिकल डिप्लोमा कोर्सों का उदघाटन विद्यापीठ के कुलाधिपति डॉ. पिचेश्वर गड्डे, कुलपति डॉ. डी.एन. राव व गुलशन बावेजा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी युवा, उन्नत स्वास्थ्य कौशल के युवा संस्थान द्वारा किया गया। इस अवसर पर दिनेश टंडन, चीफ एक्जीकुटिव ऑफ महिंद्रा एण्ड महिंद्रा, ब्रिगेडियर डॉ. विनोद राघव, निदेशक शिक्षाविद् युवा तथा वी.के. सिंघल, चेयरमैन युवा भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर लिंग्याज विद्यापीठ के कुलपति डॉ. डी.एन. राव ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि संस्थान के अंतर्गत चल रहे लिंग्याज इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस (नर्सिंग) में चलाए जाने वाले उक्त कोर्स होंगे—डिप्लोमा इन मेडिकल लेब टेक्नोलॉजी, डिप्लोमा इन ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजी, डिप्लोमा इन मेडिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी, डिप्लोमा इन मल्टीपरपज हेल्थ वर्कर एवं डिप्लोमा इन इमरजैंसी मेडिकल केयर।
डॉ. राव ने आगे बताया कि उक्त पांचों कोर्स के लिए नई प्रयोगशालाएं तैयार की जा चुकी हैं जो छात्रों को प्रत्यक्षत: कोर्स से संबंधित जानकारियां देंगी। उक्त लेबोरेट्रीज का निर्माण युवा इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस हेल्थ केयर स्कील के सहयोग से किया गया है। उक्त कोर्सों में कितने छात्र प्रशिक्षण लेंगे, इसके लिये विद्यापीठ ने अपनी संस्तुति उच्च अधिकारियों को भिजवा दी है।
डॉ. राव ने डिप्लोमा कोर्सों की महत्ता के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इन कोर्सों का लक्ष्य आगामी विद्यार्थियों को नौकरी उन्मुख पाठ्यक्रम व स्वास्थ्य देखभाल नौकरियों के लिए तैयार करना है। यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के लिए एक जीविका-पथ है जिसमें विद्यार्थी कला प्रयोगशालाओं की स्थिति द्वारा अच्छे कैरियर के अवसर प्राप्त कर सकता है।
चेयरमैन ऑफ युवा, पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी, फोर्टिस कम्पनी ने इस बात पर बल दिया किया कि इन कोर्सों में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम का पालन किया गया है तथा सर्वोत्तम सिमुलेशन तकनीक का प्रयोग किया गया है। विद्यार्थी कृत्रिम पर्यावरण में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं, ठीक जैसे वे किसी एक दिव्य शरीर पर करते हैं। इन कोर्सों के आगमन से हम विद्यार्थियों को एक ट्रेनर से टेक्नोलजिस्ट बना सकते हैं तथा उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक उठा सकते हैं।
साथ ही गुलशन बावेजा, उन्नत स्वाथ्य कौशल के युवा संस्थान ने अपने अनुभव देते हुए कहा कि इन प्रकार के कोर्सों द्वारा हम सर्वोत्तम प्रशिक्षण देकर अपने डॉक्टर एवं नर्सों को प्रशिक्षित कर सकते हैं तथा विद्यार्थी डिप्लोमा कोर्सों के सफल प्रशिक्षण के बाद किसी भी अस्पताल में रोजगार प्राप्त कर सकता है।
इस कार्यक्रम के उदघाटन पर विद्यापीठ प्रबंधन समिति समेत डीन एकेडेमिक्स, डॉ. पेमिला चावला तथा फार्मेसी एचओडी डॉ. सौरभ दहिया सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष भी शामिल थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here