Faridabad News, 17 Oct 2018 : स्थानीय नागरिक अस्पताल में सीटीएम श्रीमती बलीना की अध्यक्षता में जिला में निमोनिया कंट्रोल बारे बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के पश्चात नगराधीश श्रीमती बलीना की देख रेख में डेढ़ माह के केशव पुत्र रवि शंकर, सुनीता को निमोनिया के बचाव का पीसीवी इंजेक्शन लगा कर जिला में इसका शुभारंभ किया गया। नगराधीश श्रीमती बलीना ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जिला में निमोनिया बचाओ के लिए लोगों में अधिक से अधिक जागरूकता लाना लिए जरूरी है।
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ मोहम्मद अशरूदीन ने कहा कि निमोनिया का इंजेक्शन नागरिक अस्पताल में प्राइवेट अस्पतालों से बेहतर व बढ़िया मिलता है। इस इंजेक्शन से बच्चे को कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता। उन्होंने बताया कि निमोनिया के इंजेक्शन बारे जिला के सभी एएनएम, जीएनएम, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर को ट्रेनिंग देकर जागरूक किया गया है। वे अधिक से अधिक लोगों के बीच में जाकर इस बारे और भी लोगों को जागरूक करेंगी।
डब्ल्यूएचओ के इंचार्ज डॉ संजीव तंवर ने बैठक में निमोनिया के पीसीवी इंजेक्शनबारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस इंजेक्शन का प्रयोग हरियाणा में सरकार द्वारा अपने स्तर पर ही स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया गया है। यह इंजेक्शन बच्चे को तीन बार लगाया जाता है। इसमें दो प्राइमरी और तीसरी बूस्टर डोज दी जाती है। निमोनिया का यह इंजेक्शन बच्चे को प्राइमरी स्टेज पर लगाना अति आवश्यक है। जिस बच्चे को प्राइमरी डोज नहीं मिला उसको बूस्टर डोज नहीं दिया जा सकेगा । उन्होंने बताया कि पीसीवी इंजेक्शन निमोनिया के बचाव के लिए पहला बच्चे की मात्र डेढ़ माह की आयु में, दूसरा साढ़े तीन माह की आयु में और बूस्टर नौ माह की आयु में दिया जाएगा। प्राइवेट अस्पताल में निमोनिया के इस इंजेक्शन के 4000 प्रति इंजेक्शन लिया जाता है। जबकि नागरिक अस्पताल में यह इजंक्शन फ्री आफ कॉस्ट बच्चे को लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि प्राप्त आकड़ो की जानकारी के अनुसार देश में प्रतिवर्ष 10 लाख बच्चे निमोनिया के काल का ग्रास बन रहे हैं। निमोनिया छिकने, खासने से भी फैलता है। यह छोटी आयु के बच्चों में ज्यादा होता है।
बैठक में डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर रमेश, डॉ. दीपक चोपड़ा,जिला महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग तथा ईएसआई अस्पताल के अधिकारी भी उपस्थित थे।