Faridabad News, 19 March 2021 : जे.सी. बोस विश्वविद्यालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि जे.सी. विश्वविद्यालय प्रदेश के तकनीकी संस्थानों को एनबीए और नैक जैसी केन्द्रीय मानक एजेंसियों से मान्यता प्राप्त करने में सहयोग तथा मार्गदर्शन सेवाएं प्रदान करने की पहल करेगा। जल्द ही विश्वविद्यालय एआईसीटीई की मार्गदर्शन योजना के तहत प्रदेश के तकनीकी संस्थानों के उत्थान के लिए फैकल्टी डेवलेपमेंट कार्यक्रम, कार्यशालाएँ एवं व्याख्यान जैसी गतिविधियों का संचालन करेगा।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार विश्वविद्यालय की एनबीए समन्वयक टीम तथा विभिन्न विभागाध्यक्षों एवं वरिष्ठ संकाय सदस्यों के साथ बातचीत कर रहे थे। एनबीए समन्वयक टीम ने हाल ही में विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों को प्राप्त हुई एनबीए मान्यता की प्रति कुलपति को भेंट की। इस अवसर पर एनबीए के समन्वयक प्रो कोमल कुमार भाटिया, सह-समन्वयक डॉ नीलम दूहन, प्रो. नीलम तुर्क, प्रो. पी.आर. शर्मा, प्रो. तिलक राज और कुलसचिव डॉ एस.के. गर्ग भी उपस्थित थे।
इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि नैक और एनबीए जैसे मानक एजेंसियों द्वारा एक सूचित समीक्षा प्रक्रिया के माध्यम से किसी संस्थान का आवधिक मूल्यांकन उस संस्थान की ताकत और कमजोरियों को जानने तथा निर्धारित मापदंडों पर शिक्षा के मानक में सुधार का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि एआईसीटीई द्वारा निकटवर्ती तकनीकी संस्थानों के गुणवत्ता मानकों में सुधार लाने में सहयोग देने के लिए विश्वविद्यालय को ‘मार्गदर्शक संस्थान’ का दर्जा दिया गया है। विश्वविद्यालय एआईसीटीई की मार्गदर्शन योजना के तहत नौ तकनीकी संस्थानों को गुणवत्ता मानकों में सुधार के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने विभिन्न गुणवत्ता मूल्यांकन मापदंडों पर खुद को साबित तथा स्थापित किया है। इस समय विश्वविद्यालय के अधिकांश तकनीकी पाठ्यक्रमों को एनबीए से मान्यता प्राप्त हैं तथा विश्वविद्यालय को नैक मान्यता हासिल है। इसलिए, यह विश्वविद्यालय का दायित्व है कि मान्यता हासिल करने के इच्छुक तकनीकी संस्थानों एवं संबद्ध कालेजों को मार्गदर्शन और सहायता सेवाएं प्रदान करें ताकि ऐसे संस्थान एनबीए और नैक मान्यता के लिए आवश्यक गुणवत्ता मानकों को प्राप्त करने में सक्षम बन सके।
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के चार बीटेक पाठयक्रमों कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंटल एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग को तीन वर्षों के लिए एनबीए द्वारा श्रेणी-1 प्रारूप में मान्यता प्राप्त हुई है। एनबीए एक स्वायत्त संस्थान है जो समय-समय पर तकनीकी संस्थानों तथा पाठ्यक्रमों का मूल्यांकन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् द्वारा अनुशंसित मानक तथा मानदंडों के अनुरूप करता है। मान्यता प्रक्रिया के अंतर्गत एनबीए विशेषज्ञ टीम द्वारा 25 फरवरी, 2021 को विश्वविद्यालय में दौरा कर चार विभागों का मूल्यांकन किया गया था।