महाशिवरात्रि पर्व पर पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है : डा. इंद्रजीत गौतम

0
1660
Spread the love
Spread the love
Faridabad News, 04 March 2019 : महाशिवरात्रि पर्व पर भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है यह उदगार गौतम क्लीनिक प्रा.लि. के डायरेक्टर डा. इन्द्रजीत गौतम ने सैक्टर 23 स्थित  प्राचीन हनुमान मंंदिर सेवा समिति सैक्टर 22 फरीदाबाद में महाशिवरात्रि के पर्व पर पूजा अर्चना करते हुए कही। इस पूजा अर्चना में डा. इन्द्रजीत गौतम की धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पा सिंह गौतम भी उनके साथ मौजूद रही। दोनो ने अपने परिवार की सुख शान्ति सहित देश, प्रदेश व समाज में आपसी भाईचारा व सौहार्द बढ़ाने की मनोकामना मांगी।
इस अवसर पर डा. इन्द्रजीत गौतम ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि को भगवान शंकर रूद्र के रूप में प्रजापिता ब्रह्मा के शरीर से प्रकट हुए थे और इसी महाशिवरात्रि  को भगवान शिव तांडव नृत्य करते हुए इस सृष्टि को अपने तीसरे नेत्र की ज्वाला से भष्म कर देंगे। कई स्थानों पर यह भी माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था। इन सब कारणों से महाशिवरात्रि की रात हिंदू धर्मग्रंथों में अतिमहत्त्वपूर्ण है।
डा. गौतम ने कहा कि भारत ऋषि मुनियों का देश है और इस देश में सभी धर्मो के लोग आपसी भाईचारे एवं सौहार्द से रहते है और सभी पर्वो को धूमधाम से मनाते है। उन्होंने कहा कि भारत में मनाये जाने वाले सभी पर्वो का अपना एक अलग ही महत्व होता है जिससे हमें प्रेरणा मिलती है। उन्होंने लोगों को महाशिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं भी दी।
इस मौके पर कराटे मास्टर व अंतर्राष्ट्रीय कराटे कोच श्री गंगेश तिवारी ने कहा महाशिवरात्रि से संबंधित कई पौराणिक कथाएँ भी हैं जो बहुत प्रेरणादाई हैं। ऐसी ही एक कथा में चित्रभानु नामक एक शिकारी का उल्लेख मिलता है । चित्रभानु को महाशिवरात्रि के व्रत का कोई ज्ञान नहीं था। वह जंगल के जानवरों को मारकर अपना जीवन यापन करता था। एक बार महाशिवरात्रि के दिन अनजाने में उसे शिवकथा सुनने मिली। शिवकथा सुनने के बाद वह शिकार की खोज में जंगल गया द्य वहाँ शिकार का इंतजार करते.करते वह अनजाने में बेल के पत्ते तोडकर घास के ढेर के नीचे ढँके हुए शिवलिंग पर फेंकता जाता द्य उसके इस कर्म से प्रसन्न होकर भगवान शिव उसका ह्रदय निर्मल बना देते हैं। उसके मन से हिंसा के विचार नष्ट जाते हैं । वह जंगल शिकार करने गया था किंतु एक के बाद एक 4 हिरणों को जीवनदान देता है। उस दिन के बाद से चित्रभानु शिकारी का जीवन छोछ देता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here