फरीदाबाद, 7 जुलाई – पर्यावरण संरक्षण के प्रति छात्रों को जागरूक करने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद छात्रों के लिए पौधारोपण और पढ़ाई के दौरान लगाये गये पौधे की देखभाल करने को अनिवार्य बनाने की योजना पर काम कर रहा है।
यह जानकारी कुलपति प्रो एस.के. तोमर ने बड़खल विधायिका श्रीमती सीमा त्रिखा को दी जोकि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वृक्षारोपण अभियान में मुख्य अतिथि थीं। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय द्वारा जुलाई माह को हरियाली पर्व के रूप में मनाया जा रहा है और इस अवसर को चिह्नित करते हुए वृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों को वृक्षारोपण अभियान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय आगमन पर प्रो. तोमर ने श्रीमती सीमा त्रिखा को एक पौधा भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर डीन (कॉलेज) प्रो. तिलक राज, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो लखविंदर सिंह, एनएसएस समन्वयक प्रो प्रदीप डिमारी, पर्यावरण इंजीनियरिंग की अध्यक्ष (प्रभारी) डॉ रेणुका गुप्ता और डीएसडब्ल्यू कार्यालय एवं वसुंधरा ईसीओ क्लब के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
विश्वविद्यालय की प्रस्तावित योजना से अवगत कराते हुए कुलपति प्रो. तोमर ने कहा कि विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए फरीदाबाद में कहीं भी एक पेड़ लगाने को अनिवार्य किया जायेगा। छात्रों को डिग्री तभी मिलेगी जब उनके द्वारा रोपित पौधे का प्रमाण पेड़ की जियोटैग तस्वीरों के साथ प्रस्तुत की जायेगी। इस पहल के माध्यम से विश्वविद्यालय का उद्देश्य छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदार बनाना है, जो समय की मांग है। प्रो. तोमर ने कहा कि इस तरह के अभियान छात्रों में उच्च नैतिक मूल्यों को पैदा करते हैं जो उन्हें अच्छा नागरिक बनने में मदद करता है।
इस अवसर पर बोलते हुए श्रीमती त्रिखा ने विश्वविद्यालय द्वारा की गई पहल की सराहना की और कुलपति से आग्रह किया कि फरीदाबाद शहर में वृक्षारोपण अभियान चलाने के लिए छात्र की टीमें गठित की जाये तथा उन्हें चिन्हित सड़कों के किनारे पौधे लगाने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। प्रत्येक टीम लगाये गये पौधों की देखभाल भी करें।
श्रीमती त्रिखा ने विश्वविद्यालय के मुख्य मैदान पर पिलखन का पौधा लगाया। इस अवसर पर श्रीमती त्रिखा ने वट, पिलखन और पीपल के वृक्षारोपण पर जोर देते हुए इन पौधों के पारिस्थितिक लाभों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद की हर क्षेत्र में अलग स्थलाकृति है। शहर में इस तरह के अभियान चलाते समय स्थलाकृतिक और मिट्टी की विशेषताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान श्रीमती त्रिखा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकसित होने वाले विश्वविद्यालय के दूसरे परिसर से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की तथा कुलपति को पलवल और फरीदाबाद जिलों में स्थित विभिन्न कॉलेजों की विश्वविद्यालय से संबद्धता की मांग से अवगत कराया, जिसे उनके द्वारा सरकार स्तर के समक्ष भी उठाया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने बड़खल झील के पुनरुद्धार की महत्वाकांक्षी योजना पर भी अपने विचार साझा किए।