Faridabad News, 14 Nov 2018 : उद्यमशीलता को करियर विकल्प के रूप में अपनाने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए फरीदाबाद द्वारा आयोजित तीन दिवसीय उद्यमशीला जागरूकता शिविर आज प्रारंभ हो गया। शिविर के पहले दिन विद्यार्थियों के मौजूदा परिदृश्य, छोटे व मध्यम पैमाने के उद्यम शुरू करने के लिए अवसरों के पहचान तथा उद्यम शुरू करने के लिए उत्पाद व तकनीक के चयन जैसे अहम विषयों पर जानकारी हासिल की।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ विधिवत रूप दीप प्रज्वलन द्वारा हुआ। उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा भारती वाॅल्वस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जे.पी. मल्होत्रा ने संबोधित किया। सत्र की अध्यक्षता डीन (इंस्टीट्यूशन्स) डाॅ. संदीप ग्रोवर ने की। इस अवसर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ. तिलक राज, डाॅ. अरविंद गुप्ता, डाॅ. एम.एल. अग्रवाल तथा डाॅ. अशबीर सिंह भी उपस्थित थे। शिविर का आयोजन सह-प्राध्यापक डॉ. वासुदेव मल्होत्रा की देखरेख में किया जा रहा है। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों के लिए उद्यमशीला जागरूकता शिविर के आयोजन को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को उद्यम स्थापित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कौशल आधारित ज्ञान अर्जित करने में सहायक होते है।
मुख्य वक्ता श्री जे.पी. मल्होत्रा ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि कोई भी उद्यम शुरूआत से बड़ा नहीं होता। एक छोटी शुरूआत करनी पड़ती है। इसके लिए जरूरी है कि उद्यम एवं उत्पाद को सही जानकारी ली जाये और इसके लिए बेहतर प्रबंधन किया जाये। उन्होंने एक उद्यमी बनने के अपने जीवन के अनुभवों को विद्यार्थियों साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह कालेज के दिनों में एलपीजी गैस वोल्वस विनिर्माता कंपनी में किया गये एक औद्योगिक भ्रमण ने उनके जीवन को बदल दिया और उन्हें उद्यम स्थापित करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी औद्योगिक भ्रमण का जब भी अवसर मिले तो इसका लाभ उठाये क्योंकि ऐसे भ्रमण काफी कुछ सीखने का अवसर देते है। उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष के दिनों का याद करते हुए कहा कि उद्यमशीलता का रास्ता काफी कठिन और लंबा है, जिसके लिए धैर्य जरूरी है। इस रास्ते पर चलने से सोच बदलती है और कौशल को नये आयाम मिलते है।
अपने संबोधन में प्रो. संदीप ग्रोवर ने विद्यार्थियों को उद्यमशीलता को अपने करियर का विकल्प बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए सबसे फायदेमंद बात यह है कि विश्वविद्यालय राज्य के प्रमुख औद्योगिक केन्द्र के बीचोबीच स्थित है। इसके साथ-साथ शहर में विश्वविद्यालय के भूतपूर्व विद्यार्थी सफल उद्यमी के रूप में उनका मार्गदर्शन करने के लिए उपलब्ध है, जिसका विद्यार्थियों को इसका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कार्यक्रम में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने का आह्वान किया ताकि वे उद्यम स्थापित करने के लिए जरूरी ज्ञान हासिल कर सके।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक तथा सह-प्राध्यापक डॉ. वासुदेव मल्होत्रा ने तीन दिवसीय उद्यमशीला जागरूकता शिविर की रूपरेखा की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय शिविर के दौरान प्रतिष्ठित उद्यमियों तथा अकादमिक विशेषज्ञों के आठ व्याख्यान रखे गये है, जिसमें उद्यमशीलता का मौजूदा परिदृश्य, अवसर, उत्पाद व तकनीक चयन की प्रक्रिया, लघु उद्योग, स्टार्ट-अप और सरकार, बैंक तथा अन्य वित्तीय संस्थाओं से वित्तीय सहयोग प्राप्त करने को लेकर जागरूक व्याख्यान शामिल हैं। इस दौरान प्रतिभागियों को स्थानीय औद्योगिक इकाई का भ्रमण भी करवाया जायेगा।