Faridabad News, 09 Feb 2019 : शहर के कुछ अधिकारियों का वश चले तो वो फरीदाबाद को बेंचकर खा जाएँ और शहर को डकार भी जाएँ। शहर के इन अधिकारियों ने खुलेआम लूट मचा रखी है और इन्हे रोकने वाला भी कोई नहीं है जिस कारण इनका मनोबल और बढ़ गया है। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पाराशर का जिन्होंने रजिस्ट्री कांड में कई और चौंकाने खुलासे किये हैं। वकील पाराशर ने कहा कि 12थ एवेन्यू सेक्टर 49 के रजिस्ट्री काण्ड में करोड़ों नहीं अरबों का चूना साकार को लगाया गया है और चूना लगाने वालों में जेई, एसडीओ, डीटीपी, सहित कई अधिकारी शामिल हैं। वकील पाराशर ने कहा कि सरकार तमाशा देख रही है और फरीदाबाद के अधिकारी मोटे पैसे लेकर बिना बच्चे पैदा हुए ही जन्मदिन का सर्टीफिकेट बना दे रहे हैं। वकील पाराशर ने कहा कि 12th एवेन्यू सेक्टर 49 में प्लाट नंबर 4837, 4836, 4818, 4815, 4816, 4817, 4814, 4822, 4819, 4820, 4821, 4827, 4829, 4828, 4830 के कंप्लीशन में बड़ा हेरफेर किया गया और सम्बंधित अधिकारियों ने किया। पाराशर ने बताया कि इन प्लाटों के कंप्लीशन के लिए आवेदन 10 नवम्बर 2017 को किया गया था और 14 नवम्बर को कंप्लीशन मिल भी गई। जब इसकी जानकारी आरटीआई से माँगी गई तो बताया गया कि जेई, डीटीपी और एसडीओ ने 16 अगस्त 2017 को ही कंप्लीशन सर्वे रिपोर्ट पास कर रखी है यानी आवेदन के तीन महीने पहले ही कंप्लीशन यानि बच्चा पैदा होने के पहले ही जन्मदिन सर्टिफिकेट तैयार कर ली गई थी। पाराशर ने कहा कि रजिस्ट्री कांड में दिन प्रतिदिन बड़े बड़े भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार देर शाम हमने जब अचानक तहसील का दौरा किया था और युवक को दो दर्जन रजिस्ट्री के साथ पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। अगर उस दिन तहसीलदार उस मामले को संज्ञान में लेते तो वहाँ मौजूद कई भ्रष्ट और रिश्वतखोर पकडे जाते और सरकार को जो अरबों रूपये का चूना लगा रहे हैं उनका चेहरा बेनकाब हो जाता। वकील पाराशर ने कहा कि बुद्धवार देर शाम छापेमारी के समय वहां अधिकतर दो नम्बरी मौजूद थे और इस मामले के दोनंबरी में मौजूद थे। पाराशर ने कहा कि 12th एवेन्यू गडबडझाले में एक कागज़ में एक चपरासी के भी हस्ताक्षर हैं।
उन्होंने बताया कि जेई आरिफ ने सर्वे रिपोर्ट पर 11 अगस्त 2018 को हस्ताक्षर किये, 16 अगस्त को डीटीपी महिपाल से उस कागज़ पर हस्ताक्षर किये। 17 अगस्त को उस कागज पर ज्वाइंट कमिशनर मुकेश सोलंकी के हस्ताक्षर हुए। जेई आरिफ उस दौरान सैनिक कालोनी या उस क्षेत्र के जेई नहीं थे। उसके बाद उस कागज़ पर एसडीओ ओपी मोर ने हस्ताक्षर किये जबकि जेई के बाद एसडीओ के हस्ताक्षर होने चाहिए थे। यहाँ इन अधिकारियों ने बेतुके तरीके से लेन देन करके हस्ताक्षर किये होंगे तभी ऐसा हुआ था।
वकील पराशर ने कहा कि ये सभी अधिकारी आवेदन के पहले कंप्लीशन पेपर पर हस्ताक्षर किये थे जबकि आवेदन इनके हस्ताक्षर के तीन महीने बाद किया गया। पाराशर ने कहा कि यहाँ इन अधिकारियों ने मिलकर गलत तरीके से कंप्लीशन पास कर सरकार को अरबों का चूना लगाया। उन्होंने बताया कि बने मकान को खाली बता रजिस्ट्री हुई और ये सब अधिकारी सरकार को चूना लगाते हैं। पाराशर ने कहा कि उन्हें पता चला है कि वीपी स्पेसेस के मालिक ने अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार के साथ ये बड़ा फ्रॉड किया है। उन्होंने कहा कि इस घोटाले की जानकारी मैं सीएम हरियाणा के पास भेज रहा हूँ और अगर जल्द इन सभी पर कार्यवाही न की गई तो इन सभी के ऊपर धारा 409, 217, 218, 219 120 बी एवं भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करवाऊंगा और प्रयास करूंगा कि इन सभी को तुरन्त सस्पेंड कर इनपर कार्यवाही की जाए ताकि ये जांच में बाधा न पहुंचा सकें।