सूरजकुंड (फरीदाबाद), 17 फरवरी। 36 वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले की मुख्य चौपाल पर देश-विदेश व अन्य राज्यों से आए कलाकार अपने-अपने देश व राज्यों की संस्कृति की भव्यता को गीतों व नृत्य कला के माध्यम से प्रस्तुत कर रहे हैं। देशी-विदेशी कलाकार मेले की मुख्य चौपाल पर अपनी कला और अपने देश व प्रदेश की प्राचीनतम संस्कृति के रंग बिखेर रहे हैं। चौपाल पर बैठे दर्शक भी इन्हें देख कर आनंद का अनुभव कर रहे हैं। चौपाल पर दिन भर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देखने को मिल रही है, जिसे देखकर देश-विदेश के पर्यटक भरपूर लुत्फ उठा रहे हैं।
एक ओर जहां पूर्वोतर के राज्य मेघों के घर मेघालय से आए कलाकारों ने लोकप्रिय वार डांस की शानदान प्रस्तुति देकर चौपाल पर बैठे सभी पर्यटकों को आनंदित किया। वहीं दूसरी ओर अफ्रीका के देश जिम्बावे के कलाकारों ने चिंग्वेरा डांस जिसे शिकारी नृत्य भी कहते हैं की प्रस्तुति देकर पर्यटकों को प्रफुल्लित किया।
इसी कड़ी में देव भूमि हिमाचल प्रदेश के शिमला के कलाकारों ने सिरमौरी नाटी नृत्य प्रस्तुत कर सभी दर्शकों का मन मोह लिया। नाइजीरिया की राजधानी अबुजा के कलाकारों ने स्वंय अपने हाथों से बनाए गए वाद्य यंत्र (असेंबल्ड ड्रम) के माध्यम से गीत संग डांस की सुंदर प्रस्तुति दी। देश किर्गीस्तान के कलाकारों ने कोगोस डांस व जैलोजो डांस की शानदार प्रस्तुति कर मुख्य चौपाल पर बैठे पर्यटकों की खूब तालियां बटोरी। इसी प्रकार स्वातिनी देश के कलाकारों ने अपने देश की सुंदर वेशभूषा व संस्कृति को खूबसूरत रंगों में सजाकर अपने गीत व नृत्य के माध्यम से उपस्थिति के समक्ष रखा। तजाकिस्तान, सूडान, मनिपुर, अर्मेनिया से आए कलाकारों ने अपनी-अपनी डांस की प्रस्तुति देकर मुख्य चौपाल पर बैठे सभी पर्यटकों व स्कूली बच्चों को देश-विदेश की संस्कृति से अवगत करवाया। दर्शकों ने भी सभी देशी-विदेशी कलाकारों को सम्मान देते हुए खूब तालियां बजाईं।