सूरजकुंड (फरीदाबाद), 20 मार्च: 35वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला के उद्घाटन अवसर पर देर सायें भागीदार राष्ट्र उज्बेकिस्तान के साथ साथ थीम राज्य जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश व अन्य प्रदेशों की सांस्कृतिक टीमों द्वारा दी गयी प्रस्तुतिओं ने समृद्ध सस्कृति की झलक बिखेरते दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया.
हरियाणा प्रदेश की प्राचीन समृद्ध संस्कृति की झलक पूनम देवी एवं साथियों ने शानदार हरियाणवी नृत्य प्रस्तुत किया, जिस पर दर्शक मंत्रमुग्ध नजर आये. इस पार्टी ने “काची इमली गदराई सामण में, बूढी लुगाई मस्ताई फागण में” गीत पर फागण की मस्ती का सजीव चित्रण किया. फागण माह में बच्चे व युवाओं के साथ साथ बजुर्गों पर भी मस्ती छा जाती है मेला के भागीदार राष्ट्र उज्बेकिस्तान की सांस्कृतिक टीम ने वहां के खान पान एवं प्रसिद्ध वेश-भूषा की झलक बिखेरता लाज्गी नृत्य प्रस्तुत किया इस प्रस्तुति ने यह साबित किया कि कला को सरहदों तक सिमित नहीं रखा जा सकता. उज्बेकिस्तान की भाषा अलग होने के बावजूद भी दर्शक इस प्रस्तुति पर झूमते देखे गये. थीम राज्य जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश की सांस्कृतिक टीम ने रौफ नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी. यह नृत्य कश्मीर में महिलाओं द्वारा रंग बिरंगी वेशभूषा में प्रस्तुत किया जाता है जो एक लोक नृत्य है. इसके उपरांत विभिन प्रदेशों के पारंपरिक वाद्य यंत्रों की सुरीली धुनों पर सांस्कृतिक टीमो ने मन मोहक नृत्य प्रस्तुत किये.
मेले के दूसरे दिन अनेक कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियां दी
पंजाब पुलिस के करम राज कर्मा ने बाबा बुल्ले साह का सुफिया कलाम पेश किया
मेले के दूसरे दिन पंजाब पुलिस के कर्म राज कर्मा ने बाबा बुल्ले साह का सुफिया कलाम “कमली यार दी” गाया. उनके बोल थे
“मेरी हर मुश्किल आसान बना दे या अल्लाह,
निर्धन हूँ धनवान बना दे या अल्लाह”.
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इस्साई इक थाली में खाएं,
ऐसा हिन्दुस्तान बना दे या अल्लाह”
इसी कड़ी में कश्मीर की सांस्कृतिक टीम द्वारा छकरी प्रस्तुत की इसके टीम इंचार्ज आदिल मंजुसा थे. कश्मीर की छकरी गायन व् नृत्य लगभग 500 वर्ष पुराना है. इसमें बचनगमा भी होता है, जिसमे इक लड़के द्वारा लड़की की पोशाक पहन कर नृत्य किया जाता है