Faridabad News, 31 May 2019 : न्यूरोपैथी दिवस पर नीलम चौक स्थित एस्कोर्ट फोर्टिस अस्पताल की न्यूरोलॉजी ओपीडी में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अस्पताल की वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोहित गुप्ता ने कहा कि न्यूरोपैथी नसों के कमजोर होने की बीमारी है। जागरूकता के आभाव में इस रोग के मरीज तेजी से बढ़ रहे है। प्रदेश में न्यूरोपैथी के मरीजों की संख्या ज्यादा है।
बदलती जीवनशैली के कारण न्यूरौपैथी के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। अस्पतालों में हर महीने में करीब 50 से 60 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। फोर्टिस अस्पताल की वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोहित गुप्ता ने कहा कि न्यूरोपैथी का सबसे बड़ा कारण डायबिटीज है। इसके अलावा धूम्रपान और अत्याधिक शराब के सेवन से भी न्यूरोपैथी का रोग बढ़ रहा है। लोगों के शाकाहारी होने के कारण विटामिन बी12 डिफिशियंसी की कमी और कुछ आयुर्वेदिक दवाईयों में मर्करी जैसी धातू होते है। लंबे समय तक इन दवाईयों का सेवन करने से भी न्यूरौपैथी की समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोगों को इस बीमारी की जानकारी नहीं होती है। वह गली मुहल्लों में दुकानें खोल कर बैठे कुछ डॉक्टरों के पास चले जाते हैं। इन डाक्टर्स को भी रोग की सही जानकारी नहीं होती है, कोई भी दवाईयां दे देते और इलाज करते रहते है। समय पर सही इलाज न मिलने के कारण बीमारी काफी बढ़ जाती है। ऐसे में कई बार मरीज की जान तक चली जाती है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो लापरवाही बिल्कल न बरतें। समय पर अच्छे न्यूरोलााजिस्ट से इलाज करवाएं।
बीमारी के लक्षण
– हाथ पैरों में झुनझुनाहट रहना, सुन्नपन रहना- पैरों में चीटिंयां जैसे रेंगना – रोगी के खड़े होने में दिक्कत होना- हाथ पैरोंं में कमजोरी होना- चक्कर आना
बीमारी से बचाव
ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करें- धूम्रपाल और शराब का सेवन बिल्कुल न करें- बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टरी जांच करवाएं