Faridabad News, 28 Nov 2018 : जिला बाल कल्याण विभाग की ओर से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सैक्टर-14 स्थित डीएवी स्कूल के सभागार में किया गया। जिसमें जिले भर के स्कूलों के शिक्षाविदों, पुलिस विभाग के अधिकारियों, अधिवक्ताओं तथा समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की संयोजक डीसीपी गरिमा तौमर ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों पर हो रहे शोषण के विरूद्ध समाज अब जागरूक होने लगा है। विभाग द्वारा भी बच्चों को स्कूल और कालेज में जाकर जागरूक कर रहा है, विशेषकर लड़कियों के साथ होने वाले दुव्र्यव्हार के प्रति उन्हें जागरूक किया जाता है और सहायता के लिए पुलिस मदद को भी प्रेरित किया जाता है। चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के चेयरमैन एचएस मलिक ने कहा कि यह जागरूकता का ही परिणाम है कि सीडब्ल्यूसी में पिछले 5 वर्षों में 5 हजार से अधिक बच्चों से संबंधित मामले आए जिन्हें कमेटी ने तत्परता से सुलझाया। उन्होंने बताया कि आज भी 450 से अधिक बच्चे जिले के विभिन्न शैल्टरों में सीडब्ल्यूसी की निगरानी में ठहरे हुए हैं। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि हमें बच्चों के हित के लिए कार्य करना चाहिए ऐसे कार्य करने में डरने की आवश्यकता नहीं है। मलिक ने कहा कि वर्तमान परिवेश में लोग बच्चों की मदद के लिए इसलिए आगे नहीं आते की कहीं पुलिस के शिकंजे में न फंस जाए, लेकिन अब ऐसा नहीं है। जेजे बोर्ड के सदस्य एच.सी. मान ने कहा कि बच्चों के शोषण को समाप्त करने हेतू बने कानून के बाद लोगों में जागरूकता आई है और आज लोग शोषित बच्चों की आवाज भी बनकर उभरे है जिसमें कई सामाजिक संगठन और एनजीओ बच्चों और महिलाओं के लिए कार्य कर रही है। संस्थाओं को चाहिए कि वे लोगों की मानसिकता को बदलने का प्रयास करे। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि नेशनल कमिशन प्रोटैक्शन आफ चिल्ड्रन राइट 2016 की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में आज भी हर एक घंटे में दो नाबालिग लड़कियों के साथ में बलात्कार की घटना घटित हो रही हैं। जो देश के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी गरिमा तौमर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस अभियान में अपना योगदान देने की अपील की। कार्यक्रम में एनआइटी महिला पुलिस सैल की इंचार्ज सुशीला तथा बल्लभगढ़ से सविता, सीडब्ल्यूसी की मीनू शर्मा, सोनिया शर्मा, तारणी तथा अर्पणा ने भी अपने विचार रखे।