Faridabad News, 24 Dec 2020 : सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान के तहत एसडीएम अपराजिता के मार्ग दर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कम लिंगानुपात वाले गांव घरौड़ा में बेटी के जन्म पर कुआं पूजन कार्यक्रम मनाया गया। इसकी अध्यक्षता बल्लभगढ़ उपमडंल के ग्रामीण क्षेत्र की डब्ल्यूसीडीपीओ शकुंतला रखेजा ने की।
उन्होंने बेटी के जन्मोत्सव में उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि कहा कि हमें बेटा बेटी में फर्क नहीं समझना चाहिए। बेटियाँ बेटोँ से किसी भी क्षेत्र में कम नही हैं। उन्होंने कहा कि जहाँ नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते है। उन्होंने आगँनबाड़ी वर्करों से कहा कि वे गांव में सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण करना सुनिश्चित करें और उन्हें मातृत्व योजना बारे प्रेरित करें। गांव में भ्रुण हत्या करने वालों की सुचना दें ताकि उनके खिलाफ सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार सख्त कार्यवाही की जा सके। जन्मोत्सव मे उपस्थित किशोरियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि महावारी महिलाओं के शरीर की नार्मल प्रोसेसिंग होती है। इस दौरान महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि स्वच्छता और नार्मल खान पान का ध्यान रखना चाहिए। बालिकाओं को महावारी के दौरान घबराने की जरूरत नहीं है। यह महिलाओं के लिए प्रकृति की देन है, इस दौरान कोई शर्म नहीं करनी चाहिए, बल्कि बेहिचक होकर इस बारे माँ, बड़ी बहन, भाभी के साथ सुझाव साझा करने चाहिए। उन्हें सेनेटरी पैड वितरित किए गए।
बेटी के जन्मोत्सव को केक काट कर मनाया गया। कार्यक्रम में दूध माताओं और गर्भवती महिलाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मातृत्व योजना, आपकी बेटी हमारी बेटी स्कीमों बारे भी विस्तार पूर्वक बताया गया। कोविड-19 के संक्रमण के बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार सोशल डिस्टेंस रखने तथा मुंह पर मास्क लगाने और हाथों को साबुन से धोने व सैनीटाइज करने के लिए स्वयं जागरूक होने और अपने परिजनों तथा सहपाठियोंको प्रेरित करने को कहा गया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाईजर शालु ने कहा कि बेटियों के जन्मदिन पर भी बेटों के जन्मदिन की तरह पौधारोपण करें और सामाजिक सरोकार के परम्परागत कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को प्रेरित करें। कुआं पूजन कार्यक्रम में पूनम, कोमल, रजनी, आशा, कविता, राखी व ललिता सहित आगँनबाड़ी वर्कर हेल्पर सहित दूध माताओं, गर्भवती महिलाओं ने भाग लिया।