Faridabad News, 08 Oct 2021 : श्रीरामलीला में राम वन गमन के बाद जब भरत व शत्रुघ्न अपने ननिहाल से वापस आते हैं तो समाचार पाकर प्रभु श्रीराम को वन से वापस लाने का प्रयास करने के लिए वन को जाते हैं। लेकिन आखिरकार भरत को समझा-बुझाकर प्रभु श्रीराम वापस भेज देते हैं। भरत खड़ाऊं लेकर अयोध्या आते हैं।
यह दृश्य था जागृति रामलीला कमेटी, 2 ई-पार्क द्वारा रंगमंचीय रामलीला के छठे दिन वीरवार को लीला में भरत मिलाप के मंचन किया गया। तालियों से दर्शकों ने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। लीला में दिखाया गया कि भरत गुरु वशिष्ठ के पास पहुंचते है। जहां पर वशिष्ठ काफी समझाने का प्रयास करते है बतातें है कि उनकी मां ने दो वरदान मांगे थे इनमें राम वन गमन व भरत को अयोध्या का राजा। इसलिए अयोध्या का शासन उनका इंतजार कर रहा है। इसके बावजूद भरत नहीं मानते है और राम को वापस लेने जाएंगे। यह सुनकर सभी खुश होते है। अगले दिन सुबह गुरू वशिष्ठ के आदेश पर बड़ी संख्या में अयोध्यावासी अपने प्रभु श्रीराम को मिलने वन को प्रस्थान करते हैं। रास्ते में जहां-जहां पर प्रभु श्रीराम ने विश्राम किया था वहीं पर भरत व अयोध्यावासी विश्राम करते हैं। वहीं उनकी भेंट निषादराज केवट से होती है। बाद में सभी राम जी से मिलने पहुंचते हैं। सर्वप्रथम प्रभु श्रीराम माता कै केई से मिलते है। कई बैठकों का दौर चलता है। सभी लोग राम जी से वापस अयोध्या आने के लिए कहते है लेकिन राम जी सभी को प्रेम से समझाकर वापस भेज देते हैं। यहां लीला में कलाकारों ने अपनी अदाकारी से मौजूद लोगों को मोहा।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में बडखल विधानसभा क्षेत्र की विधायक सीमा त्रिखा रहीं जबकि अन्य अतिथियों में गुलशन भाटिया, अमन भाटिया, चरन सिंह, बिशम्बर भाटिया, अशोक अरोड़ा, दलजीत सब्बरवाल, जीत सिंह भाटिया, सुशील भाटिया, रविकांत भाटिया आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे, जिनका जागृति रामलीला कमेटी के प्रधान योगेश भाटिया व मोहन सिंह भाटिया ने बुके देकर सम्मानित किया।
रामलीला के संचालन डायरेक्टर ओमप्रकाश तथा प्रदीप ने बताया कि रामलीला का मंचन 14 अक्टूबर तक किया जाएगा, जिसमें 8 अक्टूबर को सीता हरण, 9 को हनुमान मिलन व बाली वध, 10 को लंका दहन, 11 को अंगद संवाद, 12 को लक्ष्मण मूर्छा, 13 को कुम्भकर्ण-मेघनाथ वध तथा 14 अक्टूबर को रावण वध व भगवान श्रीराम के राजतिलक का मंचन किया जाएगा।