फरीदाबाद। श्री विजय रामलीला कमिटी, मार्किट नंबर 1 ने कल अपने स्वर्णिण मंच पर प्रथम दृश्य में राम के लिए राज सिंघासन की घोषणा की और अंतिम दृश्य में उन्हें बन की राह दिखा दी, इसी का नाम नियति है । पहले दृश्य में दशरथ बने सुनील कपूर ने दरबार में मंत्रीगणों, गुरु वशिष्ठ और प्रजा के मत से भगवान राम के लिए राजतिलक की घोषणा की। देवताओं में राम राज्य घोषणा से ही हाहाकार मच गया की अब रावण का अंत कैसे होगा। नारद ऋषि दूत बनकर भगवान के पास पहुंचे और गया नर के रूप में नारायण क्या खेल रचाये बैठे हैं। इसके बाद मन्थरा (आशीष भाटिया) को एक राज तिलक की घोसना एक आँख नहीं भाई और उसने रानी कैकयी (नितिन शर्मा) की बुद्धि फिराई। मन्थरा कैकयी संवाद ने दर्शकों की खूब तालिया बटौरी और इसके बाद मार्मिक दृश्य कोप भवन दर्शाया गया, जहाँ बेरहमी से एक माँ अपने ही आज्ञाकारी बेटे के लिए चौदह साल का बनवास माँगा और कोख जाए पुत्र भरत के लिए अयोध्या का सकल राज्य। दशरथ के रोल में कमेटी के चेयरमैन सुनील कपूर ने दृश्य को जीवंत कर दर्शकों का दिल जीता, दशरथ कैकयी अभिनय ने जैसे ग्राउंड में एक सुई गिरने की आवाज़ तक ना रही और सभी स्तब्ध हो दृश्य में खोये दिखाई पड़े। आज इसी मंच से निकलेंगे श्री राम वनों को। माता जानकी और लक्ष्मण के आग्रह पर वो भी साथ बन के राह लेंगे और राम वियोग में होगा दशरथ का स्वर्ग गमन।