February 22, 2025

फरीदाबाद कांग्रेस के भीष्म पितामह बीआर ओझा का हुआ निधन

0
58
Spread the love

Faridabad News, 11 Nov 2019 : फरीदाबाद में कांग्रेस पार्टी के लगातार कई दशकों तक जिलाध्यक्ष रहे व कांग्रेस के भीष्म पितामह कहे जाने वाले बीआर ओझा का सोमवार की सुबह निधन हो गया। वह करीब 85 साल के थे। उन्होंने अंतिम सांस आज सुबह फरीदाबाद के फोर्टिस एस्कार्ट अस्पताल में ली। रविवार को तबीयत खराब हो जाने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। श्री ओझा के निधन से शहर में शोक की लहर दौड़ गई। उनके कांग्रेस ही नहीं तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं के बहुत करीबी संबंध रहे थे और उनके सभी से पारिवारिक रिश्ते थे। उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किए थे। सोमवार की सुबह उनके निधन का समाचार आया तो उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके सेक्टर.19 स्थित निवास पर लोगों का तांता लग गया। उनका अंतिम संस्कार नहरपार खेड़ी पुल स्थित स्वर्ग आश्रम में किया गया। श्री ओझा को मुखाग्नि उनके पुत्र राजन ओझा ने दी।

प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने श्री ओझा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ओझा जी कांग्रेस के स्तम्भ थे, वह हमेशा ही सबको साथ लेकर चलते थे और उनकी यही खासियत थी। आज ऐसे नेताओं की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उनके बताए हुए रास्ते पर चलना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस मौके पर विधायक सीमा त्रिखा, मूलचंद शर्मा, नरेंद्र गुप्ता, नीरज शर्मा, आफताब अहमद, पूर्व विधायक आनंद कौशिक, शारदा राठौर, युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष जे.पी. नागर, लखन सिंगला, विवेक प्रताप, मनोज नागर, योगेश गौड़, सुमित गौड़, अशोक अरोड़ा, मुकेश शर्मा, राजेन्द्र भामला, योगेश ढींगड़ा, सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

गौरतलब है कि बीआर ओझा ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु, श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधीए नरसिम्हा राव के साथ.साथ मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के साथ उन्होंने लगातार पार्टी में सक्रिय रूप से काम किया। वे पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल व बंसीलाल के खासमखास माने जाते थे वहीं मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के पिता चौधरी दलवीर सिंह के साथ भी वह पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे। श्री ओझा पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता रणवीर हुड्डा को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। बीआर ओझा की केंद्रीय मंत्री रहे बीरेंद्र सिंह भी पूरी इज्जत करते थे। वर्ष 1993 में सूरजकुंड में आयोजित हुए कांग्रेस के अधिवेशन के इंचार्ज ओझा ही थे और कुछ समय वह प्रदेश कांग्रेस सेवादल के चेयरमैन व प्रदेश के संगठन मंत्री के पद भी रहे। श्री ओझा ने कभी भी जात बिरादरी में विश्वास नहीं किया लगातार वह 50 साल ओल्ड फरीदाबाद वाली मजार के प्रधान भी रहे। श्री ओझा के निधन पर सभी राजनीतिक दलों सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने गहरा शोक व्यक्त किया है तथा उनके निधन को फरीदाबाद शहर के लिए अपूरणीय क्षति बताया।

इस मौके पर बलजीत कौशिक, अनीशपाल, गुरुदत्त, टोनी पहलवान, बसंत खट्टक, एमएल ऋषि, अश्विनी त्रिखा, राजेश आर्य, मुनेश शर्मा, मुकेश डागर, सतबीर डागर, धर्मदेव आर्य, संजय सोलंकी, रामजीलाल, अनिल पार्षद, परमजीत गुलाटी, मदनलाल आजाद, महीपाल आर्य सरपंच, मुकेश शर्मा, कवि दिनेश रघुवंशी, आरके चिलाना, अशोक रावल, रतिराम पाहट, कविन्द्र फागना, गौरव ढींगड़ा, गौरव चौधरी, हरजीत सिंह सेवक, सरदार सुखदेव सिंह, कर्नल महेंद्र सिंह बीसला सहित शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े हजारों गणमान्य लोग मौजूद थे।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *