फरीदाबाद | 28 जनवरी 2022 : आज भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय पर भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ व व्यवसायिक प्रकोष्ठ ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले प्रखर राष्ट्रवादी अमर क्रांतिकारी ‘पंजाब केसरी’ लाला लाजपत राय जी की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की | जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी व्यापार प्रकोष्ठ व व्यवसायिक प्रकोष्ठ के द्वारा प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ जी के मार्गदर्शन में पूरे प्रदेश में स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपतराय जी की जयंती मनाई जा रही है उसी क्रम में जिला फरीदाबाद के व्यापार व व्यवसायिक प्रकोष्ठ के द्वारा जयंती समारोह का कार्यक्रम जिला कार्यालय पर आयोजित किया गया जिसमें लाला लाजपतराय जी की जीवनी पर प्रकाश डाला गया और जिलाध्यक्ष ने बताया की प्रदेश अध्यक्ष ने शहीदों को याद करने और उन्हें प्रदेश के लोगों के दिलों में जिंदा रखने के लिए पहल करते हुए पोर्ट विलेयर से शहीदों के रक्त से सिंचित मिटटी को प्रदेश में लेकर आए और हर भाजपा कार्यालय में भिजवाई और कार्यकर्ताओं व लोगों के माथे से लगवाई ताकि जिन शहीदों की वजह से हमें आज़ादी मिली हम उन्हें कभी भुला न दें और उन्हें बलिदान को हमेशा याद रखें |
कैबिनेट मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बताया कि लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को एक वैश्य परिवार में हुआ था | ये भारतीय के गरम दल के प्रमुख नेता थे। इन्हीं तीनों नेताओं ने सबसे पहले भारत में पूर्ण स्वतन्त्रता की माँग की थी बाद में समूचा देश इनके साथ हो गया। इन्होंने स्वामी दयानन्द सरस्वती के साथ मिलकर आर्य समाज को पंजाब में लोकप्रिय बनाया । परिवहन मंत्री ने कहा की लाला जी का जीवन समाजिक कार्य और देश को आजाद करने के लिए आन्दोलन करने में बीता महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपतराय के जीवन से देश के युवाओं को देश भक्ति का सन्देश लेना चाहिए और उनके पद चिंहों पर चलना चाहिए |
जिला महामंत्री मूलचन्द मित्तल व आर एन सिंह ने भी लाला लाजपत राय जी के जीवन पर बोलते हुए कहा कि लाला लाजपत राय शेरे पंजाब लाला के नाम से भी जाने जाते थे इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे। सन् 1928 में इन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठी-चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये और उस समय इन्होंने कहा था: “मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी।” और वही हुआ भी; लालाजी के बलिदान के 20 साल के भीतर ही ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्य अस्त हो गया। 17 नवंबर 1928 को इन्हीं चोटों की वजह से इनका देहान्त हो गया।
इस कार्यक्रम में मंच का संचालन जिला व्यवसायिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक विमल खंडेलवाल ने किया और उन्होंने मुख्य अतिथि का स्वागत व धन्यवाद किया | इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष पंकज रामपाल,जिला सचिव भारती भाकुनी,सीही महामंत्री सुनील आनन्द,जिला प्रशिक्षण प्रमुख प्रवीन चौधरी,व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक ईश्वर दयाल गोयल,सह संयोजक कुलदीप सिंघल,व्यवसायिक प्रकोष्ठ के सह संयोजक अशोक कुकरेजा,रोहित रुंगटा,राजीव सिंगला,कमल बंसल,निकुंज गुप्ता,व्यापार व व्यवसायिक प्रकोष्ठ के कार्यकर्त्ता व समाज के प्रबुद्ध लोग उपस्तिथ रहे |