कांवड़ लाना किसी तपस्या से कम नहीं : नीरज शर्मा

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Faridabad News, 30 july 2019 : सनातन हिन्दु वाहिनी एवं नवप्रयास सेवा संगठन (रजि0) के पदाधिकारीगण एवं सदस्यगण हरिद्वार से पवित्र जल लेकर पैदल ही अपनी यात्रा करने वाले कावंडि़यों का प्याली चौक स्थित कावंड लेकर पहंुचे। जहां पर पूर्व श्रम एवं रोजगार मंत्री स्व. पं. शिवचरण लाल शर्मा के पुत्र एवं ऑल इंडिया किसान (कांग्रेस) के संयुक्त राष्ट्रीय समसन्वयक नीरज शर्मा, पूर्व वरिष्ठ उपमहापौर मुकेश शर्मा व समाजसेवी मुनेष ने प्याली चौक स्थित कावंड स्थल शिवभक्त कावंडियों पर पुष्पवर्षा एवं फूलमालाओं से उनका जोरदार स्वागत किया और कावंडि़यों के साथ हर-हर महादेव के जयकारे भी लगाये। यह कावंड नवप्रयास संगठन के पदाधिकारी सुनील यादवजी के नेतृत्व में लायी गई। इस मौके पर तेजपाल सिंह,जयंत शेखावत, प्रवीण शर्मा, पुनाराम शास्त्री, धर्मवीर मलिक, सुरेन्द्र अहलावत, भगवत कौषिक, केषव दत्त गौड, संदीप, राहुल भारद्वाज, बिज्जु चंदीला, टीटू गोल्डी, मनीष, दीपक, नंबरदार सुल्ली चंदीला, आजाद सरपंच सिरोही, अंकुष, विषाल बैनीवाल, रोहित, मोनू, गौरव जुनेजा, जयसिंह, मनोज भाटी ने भी कावंडि़यों की सेवा की।

पूर्व श्रम एवं रोजगार मंत्री स्व. पं. शिवचरण लाल शर्मा के पुत्र एवं ऑल इंडिया किसान (कांग्रेस) के संयुक्त राष्ट्रीय समसन्वयक नीरज शर्मा ने कहा कि अपने धर्म के प्रति आस्था हमारी अखंडता का प्रतीक है। कांवड़ लाना किसी तपस्या से कम नहीं है। शिवभक्तों की सेवा ही असल में सबसे बड़ा धर्म का कार्य है। उन्होंने कहा कि शिवभक्तों पर पुष्पवर्षा साक्षात महादेव का अभिनंदन करने जैसा है। यही भक्ति का सैलाब हमारे देश की संस्कृति व रिवाजों को बचाये हुए है। साफ मन से लायी गयी कांवड़ शत प्रतिशत फलीभूत होती है। श्रवाण मास में कावंडियों की सेवा करना एक धर्म एवं पुण्य का कार्य है। ऐसे पुण्य एवं धर्म के कार्यों में हम सबकी भागीदारी होना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर साल श्रावण मास में लाखों की तादाद में कांवडिये सुदूर स्थानों से आकर गंगा जल से भरी कांवड़ लेकर पदयात्रा करके अपने घर वापस लौटते हैं इस यात्राको कांवड़ यात्रा बोला जाता है। श्रावण की चतुर्दशी के दिन उस गंगा जल से अपने निवास के आसपास शिव मंदिरों में शिव का अभिषेक किया जाता है। नीरज शर्मा ने बताया कि प्याली चौक पर लगाये जाने वाले कावंड षिविर में कावंडियों के लिए खाने-पीने के साथ उनके नहाने-धोने तथा इलाज हेतू दवाईयों की भी व्यापक स्तर पर व्यवस्था की गई है षिविर के पिछले हिस्से में थके हारे कावंडि़यों के लिए फ्रेष होने के भी इंतजाम किए गए है। षिविर में बरसात से बचने के लिए वाटर प्रूफ टैंट भी लगाए गए है

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