फरीदाबाद, 13 दिसम्बर। डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि देश के यशश्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2017 में शुरू की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) का लाभ पूरे देश भर में लगभग 3 करोड़ 32 लाख से अधिक माताओं बहनों को मिला है। मातृ शक्ति के विकास तथा नारी उत्थान के लिए केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की मनोहर सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। अब तक जिला महिला एवं बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिला फरीदाबाद की 40 हज़ार से ज्यादा माताओं व बहनों को इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ है।
यह है उदेश्य:-
डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि माताओं व बहनों के गर्भ में पल रही हमारी आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रहे। हमारी माताओं व बहनों को सही पोषण मिले, सरकार ने इस योजना के माध्यम से यह सुनिश्चित किया है।
इस योजना के तहत लाभार्थियों को लाभ दिलाने के मामले में हमारे प्रदेश को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। हरियाणा देश के कई राज्यों से आबादी के मामले में पीछे है परन्तु इसके बावजूद हरियाणा को तीसरा स्थान प्राप्त होना प्रदेश सरकार व फील्ड पर काम कर रहे अधिकारीयों/कर्मचारियों, आशा तथा आंगनवाड़ी वर्करों की कुशल कार्य निति को दर्शाता है। केंद्र व प्रदेश सरकार पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति को भी सामान अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लाभ उपलब्ध करा रही है।
महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी ग्रामीण डॉ मंजू श्योराण ने बताया कि किसी भी परिवार में पहली बार गर्भवती हुई महिला को अच्छा स्वास्थ्य और सही खान-पान देने के लिए सरकार द्वारा किस्तों में सहायता राशि उक्त योजना के तहत प्रदान की जाती है।
पात्र महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। योजना के तहत कुल 5 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। पहली किश्त एक हजार रुपये की है। दूसरी किस्त 2 हजार रुपये की व तीसरी किश्त भी 2 हजार रुपये की निर्धारित की गई है। वहीं दूसरी संतान के रूप में बेटी पैदा होने पर 6000 रुपये की धनराशि का लाभ दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला का किसी भी सरकारी स्वास्थ्य इकाई में 150 दिनों के भीतर पंजीकरण पत्र आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करवाने पर पहली किस्त का भुगतान किया जाएगा।
यह खुराक ले गर्भवती महिलाएं:-
उन्होंने आगे बताया कि महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए घरेलू व्यंजनों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। अपने घर की रसोई में पौष्टिक आहार बनाकर वही खाना और अपने परिवार को खिलाकर स्वास्थ्य को उत्तम रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं , दूध पिलाने वाली माताओं को घर में हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, फल, दही, लस्सी व स्लाद आदि का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। माताएं अपने बच्चों को ढालें, खिचड़ी, दलिया, पंजीरी आदि खाने के लिए दें जो कि सबसे उत्तम आहार है। डॉक्टर श्योराण ने आगे बताया कि भोजन में तली हुई चीजें, अधिक मसालेदार सब्जी, पैकेट बंद वस्तुएं खाने से परहेज करना चाहिए। महिलाओं किशोरियों और शिशुओं की सेहत को निरोग और बलवान बनाना है। शिशुओं को 6 माह तक केवल और केवल मां का दूध देना चाहिए। शिशुओं को पूरा समय मां का दूध मिल सके। इसके लिए धात्री माताओं को मां के दूध के फायदे के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि महिलाओं को आयरन व कैल्शियम की गोलियां देने के साथ-साथ कम लागत में उपलब्ध पोषक तत्व के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है ।
लाभार्थी महिला के लिए जरूरी कागजात:-
महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कोर्डिनेटर विकल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इसके साथ ही उक्त महिला के पास आवेदन प्रपत्र 1ए, एमसीपी कार्ड, पहचान प्रमाण पत्र, बैंक, पोस्ट ऑफिस अथवा अकाउंट पासबुक का होना भी जरूरी है।