February 21, 2025

लकड़ी की कारीगरी से देश का नाम रोशन कर रहे है चंद्रकांत

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Faridabad News, 07 Feb 2020 : गाढ़े आली गजबन छोरी बहादुरगढ़ का बम…हरियाणवी गीत तो आपको बखूबी याद होगा। बहादुरगढ़ की छोरी ही नहीं छोरे भी कमाल के हैं। चंद्रकांत लकड़ी की कारीगरी से देश और दुनिया में प्रदेश का नाम गौरवान्वित कर रहा है।

वुड कार्विंग में माहिर चंद्रकांत वर्ष 2004 में युनेस्को व राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त कर चुका है। वर्ष 2005 में उसे कलामणि अवार्ड से नवाजा गया था। चंद्रकांत को वर्ष 2009 में कलामणि सम्मान दिया गया था। उसके दादा जयनारायण भी इस कला में माहिर थे। उन्हेंं 1966 में नेशनल अवार्ड दिया गया था। चंद्रकांत के पिता महावीर प्रसाद को 1979 व चाचा राजेंद्र प्रसाद को 1984 में राष्ट्रीय पुरस्कार काष्ठ कारीगरी में दिया गया। उसके बड़े भाई सूर्यकांत को साल 2013 में सम्मानित किया गया। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि बहादुरगढ़ का यह नौजवान कितना हुनरमंद है। इसके बनाए गए हाथी, घोड़े, ऊंट, मालाएं, शतरंज, मोर आदि घरों में काफी सहेजकर रखी जाते हैं।

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