मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 13 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले दीनदयाल उपाध्याय ज्ञान संसाधन केन्द्र की आधारशिला रखी

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फरीदाबाद, 23 अक्टूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भर बनाने में पूर्व छात्रों से योगदान देने के लिए आगे आने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र अपने संस्थानों को अपनाये और विश्वविद्यालय के सरकारी अनुदान को शून्य तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित करें।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में ‘पूर्व छात्र मिलन समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय में लगभग 13 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले दीनदयाल उपाध्याय ज्ञान संसाधन केन्द्र की आधारशिला रखी। यह केन्द्र विश्वविद्यालय में विभिन्न विद्याओं के ज्ञान संसाधन का प्रमुख केन्द्र होगा।

मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में स्थापित महान भारतीय वैज्ञानिक आचार्य जगदीश चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। जे.सी. बोस के नाम पर विश्वविद्यालय का नामकरण वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों के साथ संवाद भी किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालय की विकास गतिविधियों एवं भावी परियोजनाओं से अवगत करवाया, जिसमें फरीदाबाद-गुरूग्राम सड़क मार्ग पर बनने वाले विश्वविद्यालय के दूसरे परिसर की परियोजना भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के दूसरे परिसर की परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर अपने सुझाव भी दिये।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय को गुरुकुल पद्वति को अपनाना होगा। भारतीय शिक्षण पद्वति में गुरुकुल आत्मनिर्भर रहे है। गुरुकुल अपने संसाधन गुरू दक्षिणा के माध्यम से जुटाते थे। इसी प्रकार, विश्वविद्यालयों को वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए पूर्व छात्रों की भूमिका को सक्रिय बनाना होगा।

पूर्व छात्रों को शिक्षण संस्थान की पूंजी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को एक अलग एलुमनाई सेल बनाना चाहिए और पहले बैच से लेकर अब तक का डेटाबेस बनाना चाहिए। विश्वविद्यालय एवं पूर्व छात्रों के बीच संवाद को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि पूर्व छात्रों में संस्थान के विकास में योगदान देने का भाव उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि यदि सभी विश्वविद्यालय ऐसा करने में सफल होते है तो जल्द ही सभी विश्वविद्यालय सरकारी अनुदान से पूर्ण या आंशिक रूप से मुक्त हो जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अनुदान का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचना चाहिए। इसलिए, विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे फीस को लेकर ऐसे स्लैब बनाये, जिसमें न्यूनतम आय की सीमा पर पूरी फीस माफी, इसके बाद 50 प्रतिशत और उससे ऊपर पूरी फीस ली जाये। ऐसा भी प्रावधान हो कि यदि कोई परिवार एक अन्य छात्र की फीस को वहन करना चाहे तो वह ऐसा कर पाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी एवं निजी क्षेत्र में 48 विश्वविद्यालय है, जिसमें जे.सी. बोस विश्वविद्यालय का अपना अलग नाम एवं पहचान है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि सरकारी अनुदान जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचे, जिसके लिए परिवार पहचान पत्र पंजीकरण का कार्य शुरू किया गया है और अब तक 65 लाख परिवारों का पंजीकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना शुरू की गई है, जिसमें एक लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों की पहचान करते हुए उनकी आय में वृद्धि करने के लिए प्रयास किये जा रहे है।

समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय ऊर्जा एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर ने औद्योगिक विकास में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के पूर्व छात्र सफल उद्यमी के रूप में उत्पादन, रोजगार एवं राजस्व देकर देश की तरक्की में भागीदार है।

इससे पहले, समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने विश्वविद्यालय की अकादमिक एवं ढांचागत विकास परियोजनाओं का व्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अपने संसाधन जुटाने की दिशा में कार्यरत है ताकि सरकारी अनुदान पर विश्वविद्यालय की निर्भरता कम किया जा सके। उन्होंने मुख्यमंत्री से एस्काॅर्ट मुजेसर मैट्रो स्टेशन के साथ जे.सी. बोस विश्वविद्यालय का नाम जोड़ने तथा विश्वविद्यालय में एक हजार क्षमता के नये छात्रावास के निर्माण के लिए सहयोग का अनुरोध किया।

समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व छात्र संघ माॅब के अध्यक्ष डाॅ. नवीन सूद ने संघ द्वारा विश्वविद्यालय एवं छात्रों को लेकर किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में विकास एवं जरूरतमंद विद्यार्थियों सहयोग देने में पूर्व छात्र संघ की सक्रिय भूमिका रही है। समारोह के अंत में कुलसचिव डाॅ. एस.के. गर्ग ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।

समारोह में मुख्यमंत्री ने ब्रिज कोर्स के छात्रों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया। विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष में पूर्ववर्ती वाईएमसीए इंजीनियरिंग संस्थान के डिप्लोमा धारकों को डिग्री पूरी करने के विशेष अवसर के रूप में ब्रिज कोर्स की शुरूआत की गई थी और लगभग 200 से अधिक पूर्व छात्रों ने इस विशेष अवसर का लाभ उठाया।

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