फरीदाबाद, 22 अक्टूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल 23 अक्टूबर को जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के पूर्व छात्र मिलन समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर मुख्यमंत्री विश्वविद्यालय में लगभग 13 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले दीनदयाल उपाध्याय ज्ञान संसाधन केन्द्र की आधारशिला भी रखेंगे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री महान भारतीय वैज्ञानिक आचार्य जगदीश चंद्र बोस की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जिनके नाम पर विश्वविद्यालय का नामकरण उनके द्वारा वर्ष 2017 में किया गया था। मुख्यमंत्री विश्वविद्यालय में सुविधाओं और विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी जायजा लेंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों के साथ संवाद करेंगे और पूर्व छात्र मिलन समारोह (एलुमनाई मीट) को संबोधित करेंगे। इस समारोह में ब्रिज कोर्स के छात्रों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किये जायेंगे। विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष में पूर्ववर्ती वाईएमसीए इंजीनियरिंग संस्थान के डिप्लोमा धारकों को डिग्री पूरी करने के विशेष अवसर के रूप में ब्रिज कोर्स की शुरूआत की गई थी और लगभग 200 से अधिक पूर्व छात्रों ने इस विशेष अवसर का लाभ उठाया है।
प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि इस समारोह के दौरान विश्वविद्यालय कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के दायरे में आने वाले उद्योग सहयोगियों को विश्वविद्यालय के विकास में भागीदार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करने जा रहा है, जिससे सरकारी राजकोष पर विश्वविद्यालय की निर्भरता कम होगी।
इस संबंध में विस्तार से बताते हुए प्लेसमेंट एंड कॉरपोरेट अफेयर्स के डीन प्रो विक्रम सिंह ने बताया कि इस समारोह के मंच का उपयोग विश्वविद्यालयएक फंड रेजिंग इवेंट के रूप में भी करने जा रहा है जो भारत सरकार द्वारा हाल में लिये गये उस निर्णय का अनुसरण है, जिसमें सरकार द्वारा कॉरपोरेट सोशन रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के दायरे का विस्तार किया गया है और कॉरपोरेट को सरकारी अनुदान प्राप्त इन्क्यूबेटर या विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं चिकित्सा में अनुसंधान करने वाले विश्वविद्यालयों में सीएसआर निवेश की अनुमति दी है ताकि देश में अनुसंधान और इनोवेशन को विकसित किया जा सके। जे.सी. बोस विश्वविद्यालय, जोकि सरकार से वित्त पोषित एक विश्वविद्यालय है और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग में अनुसंधान एवं इनोवेशन के क्षेत्र में कार्यरत है, उद्योग द्वारा सीएसआर निवेश के लिए योग्य है। उद्योगों द्वारा सीएसआर निवेश से विश्वविद्यालय में अनुसंधान एवं नवाचार गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2017 में विश्वविद्यालय का दौरा किया गया था। इस दौरे में मुख्यमं़त्री ने विश्वविद्यालय का नाम जगदीश चंद्र बोस के नाम पर रखने और विश्वविद्यालय को इसके दूसरे परिसर के लिए भूमि आवंटित करने की घोषणा की थी। साथ ही, उन्होंने विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी थी। मुख्यमंत्री द्वारा रखी गई सभी विकास परियोजनाओं का हाल ही में उद्घाटन किया गया है। इसी तरह नाम परिवर्तन और दूसरे परिसर के लिए भूमि आवंटन को लेकर उनके द्वारा की गई घोषणाओं को भी पूरा कर लिया गया है।