Faridabad News : सूरजकुण्ड दयालबाग स्थित सूरजकुण्ड इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों ने क्रिसमस पर्व धूमधाम से मनाया। इस मौके पर बच्चे सांता क्लॉज बनकर आए और खूब मौज मस्ती की। सांता क्लॉज बने बच्चों ने स्कूल के अन्य बच्चों को उपहार स्वरूप टाफी और चॉकलेट दी जिसे लेकर बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस मौके पर सूरजकुण्ड इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सतेन्द्र भड़ाना ने बच्चों, अध्यापिकाओं व स्टॉफ के अन्य लोगों को क्रिसमस पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि क्रिसमस इसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार है लेकिन भारतवर्ष में इसे सभी धर्मो के लोग मिलकर मनाते है। उन्होनें कहा कि भारत की अनेकता में एकता ही है जो यहां त्यौहार किसी भी धर्म का हो सभी भाईचारे से और मिलकर उसमें भाग लेते है। सतेन्द्र भड़ाना ने कहा कि हम भारतीयों की सबसे बड़ी पहचान है कि सभी के त्यौहारों का सम्मान करते है। उन्होनें कहा कि यह त्यौहार हमेशा 25 दिसंबर को मनाया जाता है क्योकि इसी दिन प्रभू ईसा मसीह का जन्म हुआ था। उन्होनें विद्याथियों को ईसाह मसीह के विषय में बताते हुए कहा कि जीसस क्राईस्ट महान व्यक्ति थे और उन्होनें समाज को प्यार और मानवता की शिक्षा दी। उन्होनें दुनिया के लोगों को प्यार और भाईचारे से रहने का संदेश दिया था। लेकिन उस समय के शासकों को जीसस का यह संदेश पसंद नहीं आया और उन्होनें उन्हें सूली पर लटका दिया। ऐसी मान्यता है कि जीसस फिर से जीवित हो उठे थे। अंत में सतेन्द्र भड़ाना ने पुन:सभी को क्रिसमस पर्व की बधाई दी और विद्याथियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। स्कूल की प्रमख अध्यापिका ऋतु गुप्ता व पूजा तेवतिया ने बच्चों को एकता का संदेश देते हुए उन्हें सभी कार्यो में पूर्ण प्रतिभागिता के लिए प्रेरित किया।