फरीदाबाद, 03 मार्च। उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि वर्ष 2007 से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिनांक 3 मार्च को प्रति वर्ष विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य जन समुदाय को बच्चों के सुनाई देने या ना देने के बारे जानकारी दी जाती है।
डीसी जितेन्द्र यादव ने कहा कि जिला के विभिन्न स्कूलों में विश्व श्रवण दिवस पर छोटे बच्चों की गतिविधियों बारे बच्चों को विस्तृत जानकारी दी गई।
जिला के सभी राजकीय विद्यालयों में आज विश्व श्रवण दिवस मनाया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती ऋतु चौधरी ने राजकीय मॉडल सीनियर सीनियर सेकेंडरी स्कूल तिगांव का दौरा किया और छात्रों को बताया गया की वर्ष 2007 से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिनांक 3 मार्च को प्रति वर्ष विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य जन समुदाय को बच्चों के सुनाई देने या ना देने के बारे जानकारी दी जाती है।
उन्होंने बताया कि बच्चा जब पैदा होता है तो वह सुन रहा है या नहीं । सही सुनने वाले बच्चे इस तरह की प्रतिक्रियाएं देने लगते हैं। तीन माह का बच्चा किसी की क्रिया पर आंख झपकाता है। चार माह का बच्चा आवाज की तरफ देखता है। नौ माह का बच्चा किसी भी क्रिया पर चीखता या बड़बड़ाता है। एक साल का बच्चा जय मां आदि शब्दों को बोलना शुरू कर देता है। दो वर्ष का बच्चा सभी निर्देशों का जवाब देने लगता है।
इस प्रकार हम अपने आस पास के बच्चों के सुन पाने या ना सुन पाने के बारे में पता लगा सकते हैं और किसी भी तरह की असामान्यता पता चलने पर अति शीघ्र ही डॉक्टर से संपर्क करें।जिससे कि समय रहते ही बच्चे की श्रवण समस्या का समाधान किया जा सके।