फरीदाबाद, 16 अगस्त। उपायुक्त जितेंद्र यादव ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार कृषि भूमि की मैपिंग कार्य से जुड़े हुए अधिकारी आगामी 31दिसंबर तक पूरा करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि जिला में 100 प्रतिशत खेती योग्य भूमि की मैपिंग का कार्य उप कृषि निदेशक, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, जिला विपणन कार्यकारी अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदार के फील्ड स्टाफ द्वारा किया जा रहा है। कृषि विभाग के फील्ड अधिकारी, पटवारी व नम्बरदारों के साथ मिलकर प्रत्येक गांव के किस एकड़ में क्या-क्या बोया गया है। उसकी जानकारी intra.ahtihhryana.gov.in पर जाकर इन्ट्री कर रहे है। जिसके लिए सभी विभागो के 68 फील्ड अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सभी को आदेश दिये गये है कि समयबद्ध कार्य को पूर्ण रूप से करें। आपस में तालमेल रखते हुए कार्य करें। इस कार्य की अन्तिम तिथि आगामी 31 अगस्त है।
जिला उपायुक्त ने बताया कि जिला खेती योग्य भूमि मैपिंग द्वारा यह जानकारी प्राप्त होगी कि किस फसल का कितना-कितना रकबा है। उसी हिसाब से मण्डियों की व्यवस्था की जायेगी।
उप कृषि निदेशक, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, जिला विपणन कार्यकारी अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदार भी हर खण्ड की 30-30 एकड़ जमीन की वैरिफिकेशन करेगें। उन्होंने बताया कि इस मैंपिंग के साथ-साथ मेरा पानी मेरी विरासत के लाभार्थियों की भी पुष्टि की जा सकेगी। पुष्टि के उपरान्त ही 7000/-रु0 प्रति एकड़ या 4000/-रु० प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि किसानों को दी जाएगी।
जिला कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डाँ अनिल कुमार ने बताया कि धान के स्थान पर अन्य फसलो की बिजाई वाले जिले के अब तक 523 किसानी ने 1113.189 एकड का पंजीकरण करवाया है। इसी तरह बाजरा के स्थान पर दलहन व तिलहन की फसले बोने वाले जिले में 228 किसानो ने 399.93 एकड़ का पंजीकरण करवाया है।
इसी प्रकार उद्यान विभाग के लगभग 149 किसानो ने 229.173 एकड़ का पंजीकरण करवाया है।