फरीदाबाद, 15 जुलाई- अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. पंकज ने जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा आयोजित पौधारोपण अभियान में हिस्सा लिया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने पर्यावरण संरक्षण अधिनियमों की अनुपालना को अनुशासित रूप से सुनिश्चित करने पर बल दिया।
डॉ. पंकज विश्वविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे पौधारोपण अभियान में मुख्य अतिथि थे। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय द्वारा जुलाई माह को हरियाली पर्व के रूप में मनाया जा रहा है और इस अवसर को चिह्नित करते हुए पौधारोपण अभियान शुरू किया गया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों को पौधारोपण अभियान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय आगमन पर कुलपति प्रो सुशील कुमार तोमर ने डाॅ पंकज को पौधा भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ. एस.के. गर्ग, डीन (कॉलेज) प्रो. तिलक राज, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो लखविंदर सिंह, एनएसएस समन्वयक प्रो प्रदीप डिमारी, पर्यावरण इंजीनियरिंग की अध्यक्ष (प्रभारी) डॉ रेणुका गुप्ता और डीएसडब्ल्यू कार्यालय एवं वसुंधरा ईसीओ क्लब के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। डॉ. पंकज ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती सुषमा के साथ पौधारोपण अभियान में हिस्सा लिया और विश्वविद्यालय के मुख्य मैदान पर बेल का पौधा लगाया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. पंकज ने विश्वविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे पौधारोपण अभियान की सराहना की और कहा कि पौधों को जीवन देकर हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण एवं संवर्धन और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग की आवश्यकता भारत के संवैधानिक ढांचे और भारत की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं में भी परिलक्षित होती है। संविधान के अंतर्गत भारत के प्रत्येक नागरिक पर वनों, झीलों, नदियों और वन्यजीवों सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने और जीवित प्राणियों के प्रति करुणा को मौलिक कर्तव्य में शामिल किया गया है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण अधिनियमों की अनुपालना को अनुशासित रूप से सुनिश्चित करने पर बल दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुशील कुमार तोमर ने पौधारोपण अभियान के दौरान ऐसे पेड़ लगाने की आवश्यकता पर बल किया जो तापमान को कम करने में मदद करते हो तथा जिनसे पक्षियों एवं अन्य वन्य जीवों के लिए प्राकृतिक आवास को बढ़ावा मिले। भगवान कृष्ण द्वारा बरगद के पेड़ के नीचे दिये गये भगवद गीता के संदेश तथा गौतम बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त के उदाहरणों का उल्लेख करते हुए प्रो. तोमर ने कहा कि पेड़ों का हमारे जीवन और आध्यात्मिकता में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। हमें पेड़-पौधों को जीवन में महत्व देना चाहिए क्योंकि ये जीवन के स्रोत हैं। कार्यक्रम के अंत में प्रो. तिलक राज ने धन्यवाद ज्ञापित किया।