चिंतन और मनन संतुलित कार्य-जीवन के लिए जरूरी : कुलपति प्रो. तोमर

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फरीदाबाद, 20 मई – कार्य-जीवन में संतुलन की अवधारणा को प्रोत्साहित करने के लिए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा ‘तकनीशियनों के लिए कार्य-जीवन संतुलन’ पर पांच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम का आयोजन प्रबंधन अध्ययन विभाग तथा इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है, जोकि एआईसीटीई द्वारा प्रायोजित है।

कार्यक्रम का उद्घाटन आज कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन प्रो. एम.एल. अग्रवाल, डीन ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज प्रो. आशुतोष निगम, मैनेजमेंट स्टडीज की अध्यक्षा डॉ. रचना अग्रवाल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप डिमरी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. तोमर ने जीवन में संबंधों को बनाए रखने के लिए कार्य-जीवन संतुलन के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले व्यक्ति को आमतौर पर उसकी क्षमताओं के अनुरूप अधिक काम मिलता है और यह क्षमता तब विकसित होती है जब वह अपने जीवन को संतुलित करना सीखता है।

अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि जब हम तनाव में होते हैं तो हमारे प्रदर्शन में गिरावट आती है। सुबह जल्दी उठना और प्रतिदिन 15 मिनट ध्यान संतुलित जीवन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि उन्हें स्वस्थ और संतुलित जीवन शैली बनाए रखने के लिए अपने जीवन में अपने करीबी रिश्तों को जगह देनी चाहिए। सत्र के अंत में प्रो. रचना अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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