Faridabad News, 16 Jan 2019 : पीएलपीए एक्ट सिर्फ गरीब ग्रामीणों के लिए है। भूमाफियाओं और अरावली का चीरहरण करने वालों पर ये एक्ट जानबूझकर लगाया जाता। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एकवोकेट एल एन पाराशर का जिन्होंने बुद्धवार अरावली का दौरा किया और अरावली पर जारी अवैध कब्जों और अवैध निर्माणों का खुलासा किया। वकील पाराशर ने बताया कि उन्होंने अनगपुर गांव के पास खसरा नंबर 1352 का दौरा किया। जो अरावली की जमीन है और वहां अब भी कई मजदूर काम कर रहे हैं। धड़ल्ले से निर्माण हो रहा है और पहाड़ पर प्लाटिंग जारी है।
वकील पाराशर ने बताया कि लगभग 10 एकड़ पहाड़ पर प्लाटिंग और कब्जे किये जा रहे हैं। वकील पाराशर ने कहा कि फरीदाबाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाते अगर किसी को देखना हो तो अनंगपुर के पास खसरा नंबर 1352 को देखें जहां ये खेल जारी है। वकील पाराशर ने कहा कि नगर निगम कमिश्नर अनीता यादव हाल में फरीदाबाद आईं हैं और तकरीबन रोज आदेश देतीं हैं कि अवैध निर्माण और अवैध कब्जे बर्दाश्त नहीं लेकिन मैं मैडम को सलाह देता हूँ कि अनंगपुर के उक्त खसरा नंबर पर जाएँ तो आइना देखें। वकील पाराशर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अरावली के अवैध निर्माणों को ढहाने के आदेश दिए हैं और फरीदाबाद में अवैध निर्माण जारी हैं जिसे देख लगता है कि शहर में वन विभाग, खनन विभाग और नगर निगम के सभी अधिकारी सोये हुए हैं।
वकील पाराशर ने बताया कि अनंगपुर के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि ये कब्ज़ा और अवैध प्लाटिंग कई विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है। वकील पाराशर ने कहा कि अधिकारी कहते हैं कि अरावली पर लगभग 140 अवैध फ़ार्म हाउसों की रिपोर्ट एनजीटी को भेजी गयी है और कभी भी इन पर कार्यवाही हो सकती है लेकिन यहाँ अब भी अवैध निर्माण और अवैध कब्जे जारी हैं। वकील पाराशर ने कहा कि मैं सम्बंधित अधिकारियों का डाटा एकत्रित कर रहा हूँ और अब इन पर इनके नाम से कोर्ट में मामला दर्ज करवाऊंगा क्यू कि अरावली चीरहरण के असली जिम्मेदार यही अधिकारी हैं।