Faridabad News, 22 Nov 2018 : दिल्ली पब्लिक स्कूल, ग्रेटर फरीदाबाद के भव्य प्रांगण में सांस्कृतिक समन्वय कार्यक्रम का आयोजन किया। भारतीय संस्कृति की विलुप्त होती एक विशिष्ट कला किन्नेरा के संवर्धक श्री दर्शनम मुघलैया और उनके सहयोगी श्री दसारी रंगैया को विद्यालय में अपनी कला की प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया था। 12 सदी में पहली बार अस्तित्व में आया किन्नेरा वाद्य यंत्र एवं इसके जीवित अंतिम वादक श्री मुघलैया विद्यालय के मंच पर अपनी उपस्थिति के प्रत्यक्ष परिचायक थे।इसके साथ ही यह कार्यक्रम हमारे विदेशी अतिथियों की विदाई समारोह के रूप में भी आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया। स्वागत अभिभाषण में मुख्य अतिथि के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विषय में जानकारी देते हुए उनकी उपलब्धियों का परिचय दिया एवं आमंत्रित अतिथियों को इस उत्सव के आयोजन एवं आयोजित कार्यक्रम के उद्देश्य से परिचित करवाया गया।
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी स्थानीय विद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थी विनिमय कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत डेनमार्क से 12 दिन के शैक्षिक भ्रमण पर 28 विद्यार्थियों एवं 2 शिक्षकों के वृहद् समूह एवं विद्यालय परिवार के लगभग 1655 बच्चे एवं शिक्षक इस भव्य कार्यक्रम के प्रत्यक्षदर्शी बनेे।
कार्यक्रम में समृद्ध भारतीय परंपरा से ओत-प्रोत लोक गायक श्री दर्शनम मुघलैया की प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध करके समां बाँध दिया अपने वक्तव्य में श्री मुघलैया ने कला के त्याग एवं समर्पण के भावों के साथ उनसे जुड़े महत्त्वपूर्ण तथ्यों से परिचित करवाया। लोक गायकी के इतिहास ,लय, अभिनय आदि तत्वों को सरल एवं सहज शब्दों में समझाते हुए छात्रों को देश की गौरवमयी परंपरा से अभिभूत कर दिया। इस अवसर पर हमारे विदेशी अतिथियों ने भी पंजाबी गीतों पर अपने पाँव थिरकाए और डेनिश भाषा में मधुर गीत सुनाए। कार्यक्रम के अंत में डेनमार्क से आए शिक्षकों ने विद्यालय के द्वारा निभाई गई परंपरा अतिथि देवो भवः का आभार व्यक्त किया।अंत में विशिष्ट अतिथि एवं विदेशी अतिथियों को प्रधानाचार्या जी ने भेंट प्रदान की। कार्यक्रम का समापन प्रधानाचार्या के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।