Faridabad News, 20 Dec 2018 : 17 सितम्बर, 2017 को हुए पलवली हत्याकांड में एक रोमांचक मोड़ उस समय देखने को मिला जब स्थानीय ग्रामीणों ने जेल एवं पुलिस प्रशासन की कारगुजारी से पुलिस कमिश्नर संजय सिंह को अवगत कराया। ग्रामीणां ने आरोप लगाया कि पलवली मर्डर केस में कोर्ट ऑर्डर में 2 लोगों को शादी में आने की अनुमति दी गई थी, मगर जेल प्रशासन ने मेहरबानी दिखाते हुए 4 आरोपियों को शादी में जाने की इजाजत दे दी। इसे जेल अधीक्षक की दरियादिली कहें या उनकी बेवकूफी यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा। मगर पुलिस कमिश्नर ने इसको सीरियस मैटर बताते हुए डीसीपी सेन्ट्रल लोकेन्द्र कुमार को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। जिन्हांने इस मामले में जांच की बात कही और कहा कि जो भी दोषी अधिकारी हांगे, उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्हांने खेडी पुलिस थाना प्रभारी को तुरंत कोर्ट ऑर्डर की कॉपी प्रस्तुत करने के आदेश दिए। वहीं, पलवली से आए ग्रामीणों का प्रतिनिधित्व कर रहे पं. सुरेन्द्र शर्मा बबली ने कहा कि जेल एवं पुलिस अधिकारियां की मिलीभगत से यह संभव हो पाया और यह अपने आप में बहुत बड़ा मैटर है। उन्हांने इसे सीधे-सीधे कानून से खिलवाड़ बताया और कहा कि पुलिस एवं जेल प्रशासन की इस प्रकार से कानून से खिलवाड़ करेंगे तो कैसे न्याय की उम्मीद कर सकते हैं। उन्हांने इस मामले में दोषी अधिकारियां के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग की और कहा कि पुलिस की मिलीभगत से ही अपराधियों को शह मिलती है। उन्हांने बताया कि उक्त मामले में पुलिस कमिश्नर ने दो दिन में कार्यवाही का भरोसा दिया है। इस अवसर पर पं. सुरेन्द्र शर्मा बबली के साथ छाजूराम, नन्द किशोर, कन्हैया, रिन्कू, विजेन्द्र, रविदत्त, सुंदर, त्रिलोक, भूदत्त, भगतराम, गोकल, रघुबर, मूलचंद, रामकुमार, नरेन्द्र, प्रहलाद आदि मौजूद थे।