Faridabad News : डी.ए.वी. शताब्दी महाविद्यालय में बी.सी.ए., बी.जे.एम.सी. व् बी.एस.सी. प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात रंगमंच कर्मी सुंदर छाबरा और नृत्य शिक्षिका नम्रता रहे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र – छात्राओं को उनके संबंधित विभाग के शिक्षकों व् महाविद्यालय में होने वाली गतिविधियों की नियमावली से परिचित कराना रहा।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. सविता ने छात्र- छात्राओं को महाविद्यालय के इतिहास और उसकी स्थापना के बारे में बताया। डॉ. भगत ने बताया कि सन् 1885 में महाविद्यालय की नींव रखी गई और तब यह डी.ए.वी. शिक्षण संस्था स्थापना का सौंवा वर्ष था जिसके चलते महाविद्यालय का नाम डी.ए.वी. शताब्दी महाविद्यालय रखा गया | डी.ए.वी. यानि दयानंद एग्लो वैदिक जिसका उद्देश्य वैदिक शिक्षा के साथ-साथ मॉडर्न शिक्षा देना है जिससे युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति से जुड़े रहकर रोजगार आधारित आधुनिक शिक्षा को ग्रहण कर सके। प्राचार्य महोदया ने छात्रों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें अपने लक्ष्य पर चलते रहने की सीख दी और समझाया कि हमें अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहना चाहिए, उसकी प्राप्ति के लिए लगातार मेहनत करनी चाहिए। मेहनत वो सीढ़ी है जो हमेशा हमें हमारी मंजिल तक पहुंचाती है।
छात्रों को गायन, नृत्य व् थियेटर के क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा उभारने के लिए महाविद्यालय द्वारा बनाए गए रंगमंच क्लब के बारे में जानकारी दी गई | मुख्य अतिथि सुंदर छाबरा ने छात्रों को रंगमंच के बारे में बताया और उनकी रूचि को रंगमंच में जागृत करने के लिए एक मनोरंजक कार्यविधि भी करवाई । अन्य कलाकारों ने नृत्य व् गायन की अभूतपूर्व प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया जिसमें विशिष्ट अतिथि नम्रता जी की नृत्य प्रस्तुति विशेष आकर्षक रही |
कार्यक्रम का कुशल सञ्चालन मैडम कुमुद शर्मा ने किया। कार्यक्रम में श्री मुकेश बंसल, डॉ. मीनाक्षी हुडा, डॉ. प्रिया कपूर, डॉ. राजकुमारी, मैडम रचना कसाना व् अन्य शिक्षक शामिल रहे |