Faridabad News, 26 oct 2019 : विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-2 में दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों ने सभी को प्रदूषण मुक्त दीपावली बनाने के लिए संदेश दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्कूल के चेयरमैन श्री धर्मपाल यादव ने दीप जलाकर किया। इस अवसर पर बच्चों ने सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए एवं राम सीता की वेशभूषा में सुंदर प्रस्तुति दी। बच्चों को त्योहारों के बारे में जानकारी देते हुए स्कूल के चेयरमैन श्री धर्मपाल यादव ने कहा कि दिवाली भारत का सबसे अधिक मनाया जाने वाला त्यौहार है। भारतीय क्षेत्रों और धर्मों के अनुसार दिवाली के त्यौहार के महत्व की विविधता है। भारतीय लोग जो अलग क्षेत्रों में रहते है, वे दिवाली अपनी संस्कृति, शास्त्र विधि और महत्व के अनुसार मनाते है। यह भारत का मुख्य त्यौहार है क्योंकि भारतीय लोग बहुत ज्यादा धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पारंपरिक है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भारतीय लोगों की सांस्कृतिक और धार्मिक विश्वासों की विविधता ने बहुत से मेलों और उत्सवों को बनाया है। दिवाली भारत का बहुत महत्व का त्यौहार है क्योंकि केवल भारत में ही इस त्यौहार से बहुत सारी आस्थाएं और मान्यताएं जुड़ी हैं। जैसे भगवान राम और सीता की कहानी, महावीर स्वामी की कहानी, स्वामी दयानन्द की कहानी, राक्षस नरकासुर की कहानी, भगवान कृष्ण की कहानी, पांडवों की कहानी, गणेश और देवी लक्ष्मी की कहानी, भगवान विष्णु की कहानी, विक्रमादित्य की कहानी, सिख गुरु हरगोविंद की कहानी आदि और बहुत सी कहानियां है जो केवल भारत से ही जुड़ी हुई है। इसीलिये भारत में दिवाली का महत्व मनाया जाता है।
श्री यादव ने कहा कि हमारे देश के लोग बहुत ही धार्मिक और आध्यात्मिक रहे हैं, इसलिए हम मानते है कि दिवाली पर सभी स्थानों पर दीयें जलाने से बुरी ऊर्जा को हटाकर अच्छी ऊर्जा आकर्षित होगी। हम अपने घर और मन में आशीर्वाद, बुद्धि और धन का स्वागत करने के लिये रंगोली बनाते है, दरवाजे पर पर्दे लगाते है, देवी लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते है। दीवाली के त्यौहार की उत्पत्ति और इतिहास भारत से संबंधित है। हम पूरे वर्ष शुद्ध आत्मा, समृद्धि और भगवान के आशीर्वाद के स्वागत के लिये अपने घरों, कार्यालयों और अन्य काम के स्थानों की साफ सफाई और पुताई कराते है। इसलिए दीपावली को अच्छे से मनाएं और इसके महत्तव को समझें।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल की डॉयरेक्टर श्रीमती सुनीता यादव ने कहा कि मानव जीवन अनेक विविधताओं से भरा हुआ है। अपने जीवनकाल में उसे अनेक प्रकार के कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वाह करना पड़ता है। इनमें वह प्राय: इतना अधिक व्यस्त हो जाता है कि अपनी व्यस्त जिंदगी से स्वयं के मनोरंजन आदि के लिए समय निकालना भी कठिन हो जाता है। इन परिस्थितियों में त्योहार उसके जीवन में सुखद परिवर्तन लाते हैं तथा उसमें हर्षोल्लास व नवीनता का संचार करते हैं। ये त्योहार मनुष्य के जीवन को हर्षोल्लास से भर देते हैं। इन त्योहारों से उसके जीवन की नीरसता समाप्त होती है तथा उसमें एक नवीनता व सरसता का संचार होता है। साथ ही ये त्योहार जीवन में अनेक संदेश देते हैं। वैसे ही दीपावली अंधेरे पर उजाले की जीत का प्रतीक है जो बताता है कि जीत हमेशा अच्छाई की होती है। श्रीमती यादव ने बच्चों को सावधानी से दीवाली मनाने की सलाह दी।
इस अवसर पर स्कूल के अकेडमिक डॉयरेक्टर सीएल गोयल ने कहा कि दिवाली अच्छाई की बुराई के ऊपर विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। दिवाली पर सरसों के तेल के साथ मिट्टी के दीये प्रज्जवलित करने का हिंदू अनुष्ठान है। लोगों के बीच दुश्मनी दूर करने और प्यार और दोस्ती को बढाने के लिये इस दिन मिठाई और उपहार वितरित करते है। यह पूरे भारत के साथ साथ भारत के बाहर भी विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा जैसे: हिन्दू, सिख, जैन और बुद्ध के द्वारा भी मनाया जाता है। इस अवसर पर बच्चों के साथ, स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति चौधरी, स्कूल के अध्यापकगण, अभिभावक एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।