Faridabad News, 23 June 2019 : लोकसभा चुनाव में मिली हार के ठीक एक महीने बाद रोहतक के पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है। इसकी शुरुआत उन्होंने तिगांव विधानसभा क्षेत्र से की है। रविवार को तिगांव विधानसभा क्षेत्र के विधायक ललित नागर द्वारा आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे दीपेंद्र हुड्डा ने कार्यकर्ताओं में नए जोश का संचार किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से भावुक अपील करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली हार से निराश होने की आवश्यकता नहीं क्योंकि ऐसे अनेकों उदाहरण है, जब लोकसभा में हार के बाद मात्र 3 महीनों में ही विधानसभा चुनाव में विपरीत परिणाम आए है। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में तो दिल्ली में 7 की 7 सीटों पर भाजपा की विजयी हुई, लेकिन मात्र 6 महीने में हुए विधानसभा चुनावों में दिल्ली की जनता ने भाजपा का सूपड़ा साफ करते हुए मात्र 3 सीटों पर सीमित कर दिया वहीं हाल ही में एक महीने पूर्व हुए लोकसभा चुनाव में उड़ीसा का उदाहरण देते हुए कहा कि लोकसभा व विधानसभा के साथ-साथ हुए चुनावों में उड़ीसा प्रदेश की जनता ने लोकसभा के लिए तो भाजपा को जीत दर्ज कराई लेकिन विधानसभा के लिए की गई वोटिंग में भाजपा को करारी हार देते हुए बीजू जनता दल को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपने का काम किया वहीं उन्होंने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश व राजस्थान का उदाहरण देते हुए कहा कि तीन महीने पहले विधानसभा चुनावों में तीनों प्रदेशों में जहां कांग्रेस के मुख्यमंत्री बने वहीं तीन महीने बाद लोकसभा के चुनाव के लिए भाजपा को जीत मिली। इससे यह प्रतीत होता है कि देश व प्रदेश की जनता देश व प्रदेश के मु्द्दों पर अलग-अलग मतदान करती है और हरियाणा में 3 महीने बाद होने वाले चुनाव में प्रदेश की जनता मुद्दों के आधार पर भाजपा को सबक सिखाने का काम करेगी क्योंकि पांच साल के शासनकाल में भाजपा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हर मोर्चे पर विफल साबित हुए है और प्रदेश विकास की दृष्टि से पूरी तरह से पिछड़ गया है इसलिए कार्यकर्ता एकजुट होकर जहां भाजपा की नाकामियों के प्रचार प्रसार में जुट जाए वहीं पूर्व की कांग्रेस सरकार में फरीदाबाद में किए गए विकास कार्याे को भी जनता की अदालत में पेश करने का काम करें। उन्होंने तिगांव विधानसभा क्षेत्र के विधायक ललित नागर को बधाई देते हुए कहा कि तिगांव विधानसभा हरियाणा में संघर्ष का एक उदाहरण बन गया है क्योंकि लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद तिगांव ही पहला ऐसा क्षेत्र है, जिसने मौजूदा भाजपा सरकार के विरोध में संघर्ष का बिगुल फूंकने का काम किया है, जिसके लिए तिगांव क्षेत्र की जनता बधाई की पात्र है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि निश्चित तौर पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी और लोग जुमलेबाजी के बहकावे में नहीं आएंगे।