इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए दिनेश छाबडा,चुन्नी लाल छाबडा, कृष्णकांत आर्य, टोनी पहलवान ने संयुक्त रूप से कहा कि हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं। लेकिन अधिकमास की एकादशियों को मिलाकर इनकी संख्या 26 हो जाती है। सभी एकादशियों पर हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले भगवान विष्णु की पूजा करते हैं व उपवास रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने पूजा और दान करने से व्रती जीवन में सुख.समृद्धि का भोग करते हुए अंत समय में मोक्ष को प्राप्त होता है। लेकिन इन सभी एकादशियों में से एक ऐसी एकादशी भी है जिसमें व्रत रखकर साल भर की एकादशियों जितना पुण्य कमाया जा सकता है। यह है ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी। इसे निर्जला एकादशी कहा जाता है। आइये जानते हैं कैसे है यह अन्य एकादशियों से श्रेष्ठ और क्यों कहते हैं इसे निर्जला एकादशी।
इस मीठे पानी वितिरण कार्यक्रम में किशाग्र चोपडा, मदन जामबवाल, जीवन छाबडा, शंकर चोपडा, कृष्णकांत आर्य, मुंशी लाल, जय चंद अग्रवाल, बी एम कामरा, राज कुमार, महेश शर्मा, निदेजन शर्मा,धु्रव क्रिशाग चोपडा आदि ने अपनी सेवाएं दी।