सुप्रीम अस्पताल में हुआ डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन
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Faridabad News, 10 Oct 2019 : चार्मवुड विलेज स्थित सुप्रीम अस्पताल में बुधवार को डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस. राणा एमबीबीएस, एमडी, एफआईएसएन ने किया। इस मौके पर अस्पताल के संस्थापक व चेयरपर्सन प्रेमसिंह राणा, वाइस चेयरमैन युवराज दिग्विजय सिंह राणा, नेफ्रोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डा. संजीव जसूजा तथा डा. अशोक सचदेवा विशेष रूप से उपस्थित रहे।
अस्पताल में डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ करने उपरांत डा. डी.एस. राणा ने बताया कि अब अस्पताल में मरीजों का बेहतर डायलसिस किया जा सकेगा। उन्होंने डायलिसिस के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि डायलिसिस रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है। इस प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है जब किसी व्यक्ति के गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं। गुर्दे से जुड़े रोगों, लंबे समय से मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में कई बार डायलिसिस की आवश्यकता पड़ती है। स्वस्थ व्यक्ति में गुर्दे द्वारा जल और खनिज (सोडियम, पोटेशियम क्लोराइड, फॉस्फोरस सल्फेट का सामंजस्य रखा जाता है। डायलिसिस स्थायी और अस्थाई होती है। यदि अपोहन के रोगी के गुर्दे बदल कर नये गुर्दे लगाने हों, तो अपोहन की प्रक्रिया अस्थाई होती है। यदि रोगी के गुर्दे इस स्थिति में न हों कि उसे प्रत्यारोपित किया जाए, तो अपोहन अस्थायी होती है, जिसे आवधिक किया जाता है। ये आरंभ में एक माह से लेकर बाद में एक दिन और उससे भी कम होती जाती है।
वहीं अस्पताल के चेयरमैन प्रेमसिंह राणा व वाइस चेयरमैन युवराज दिग्विजय राणा ने कहा कि गरीब एवं असहाय लोगों को सस्ती दरों पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। उन्होंने परामर्श दिया कि लोगों को बेहतर जीवनशैली अपनाकर अपने आपको स्वस्थ रखना चाहिए। उन्होंने बढ़ते हुए हृदय रोगों को चिंतनीय विषय बताते हुए कहा कि आज की जीवनशैली बहुत ही तनावपूर्ण एवं अव्यवस्थित है, जिसके चलते लोगों को हृदय संबंधी परेशानियां ज्यादा होती हंै, इसलिए हमें इनसे बचने के लिए अपनी जीवनशैली में आवश्यक सुधार करना होगा और इसके साथ-साथ व्यायाम को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि उनके अस्पताल द्वारा हर शनिवार व रविवार को विशेष शिविर आयोजित किए जाते हैं क्योंकि इस तरह के शिविर गरीब लोगों को रोगों से मुक्ति दिलाने में काफी सहायक होते हैं।