फरीदाबाद, 02 दिसंबर। उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि जिला स्तरीय गीता जयंती समारोह 12 से 14 दिसंबर तक धूमधाम से मनाया जाएगा। तीन दिवसीय यह समारोह सेक्टर-12 स्थित कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में सभी सरकारी विभागों के साथ-साथ सभी सामाजिक-धार्मिक संगठनों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। उपायुक्त जितेंद्र यादव बुधवार को जिला स्तरीय गीता जयंती समारोह की तैयारियों को लेकर लघु सचिवालय में मीटिंग को संबोधित कर रहे थे।
मीटिंग में उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य स्तरीय समारोह कुरुक्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रत्येक जिला में भी जिला स्तरीय समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गीता का संदेश हरियाणा की धरती से ही निकला है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में गीता के संदेश को धारण करे और नई पीढ़ी तक हम इन विचारों को पहुंचाने का कार्य करे। उन्होंने कहा कि तीन दिन के इस समारोह के दौरान सभी विभाग, सामाजिक व धार्मिक संगठन अपनी-अपनी प्रदर्शनी लगाएंगे। उन्होंने कहा कि इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ होगा। लोक कलाकार और स्कूली बच्चे यहां पर अपनी-अपनी प्रस्तुती देंगे।
उपायुक्त ने बताया कि दूसरे दिन श्रीमद्भागवद्गीता पर सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान वक्ता गीता पर अपने-अपने विचार रखेंगे। उन्होंने बताया कि तीसरे दिन नगर शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इस शोभा यात्रा सेक्टर 17 से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई एचएसवीपी कन्वेंशन सेंटर सेक्टर-12 पहुंचेगी। इसके साथ सांस्कृतिक संध्या व समापन समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वह कार्यक्रम स्थल पर साफ-सफाई, शोभा यात्रा मार्ग की सफाई, झंडियां, चूना, बिजली के तारों को टाईट करने सहित अन्य कार्यों को समय पर पूरा करें। इसके साथ ही कार्यक्रम स्थल पर बिजली की व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था सहित सभी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी अलग-अलग विभागों को सौंपी। इस दौरान उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में कोविड-19 प्रोटोकोल का पूरी तरह से ध्यान रखा जाए। मीटिंग में अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर सिंह मान, एसडीएम फरीदाबाद परमजीत सिंह चहल, एसडीएम बल्लभगढ़ त्रिलोक चंद, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त डा. नरेश, सीटीएम पुलकित मल्होत्रा, डीआईपीआरओ राकेश गौतम सहित सभी विभागों के अधिकारी विभिन्न समाजिक, धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।