Faridabad News, 28 Aug 2019 : फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद के डॉक्टरों ने हाल ही में एक 7 वर्षीय बच्ची प्लाक्षी तायल के आंखों की रोशनी सफलता पूर्वक वापस ला दी जिसने दुर्घटना वश ब्लेड से अपनी बाईं आंख को चोटिल कर लिया था। यह दुर्घटना स्कूल में हुई थी जहां एक पेपर ब्लेड हाथ से फिसलने के कारण बच्ची की आंखों में चोट आ गई थी और आंखों की रोशनी पूरी तरह चली गई थी। उसे तत्काल ही फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, फरीदाबाद ले जाया गया जहां डॉ. अरविंद कुमार, विभाग प्रमुख, ऑफ्थेमलॉजी विभाग, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद और उनकी सर्जिकल टीम ने उपचार शुरू किया। इंटेंसिव केयर टीम, एनेस्थिसिया टीम और सर्जिकल टीम ने प्लाक्षी की खराब आंखों को ठीक करने के लिए सामूहिक प्रयास किए।
अस्पताल में लाए जाने पर ही यह तय कर लिया गया था कि सर्जरी की जरूरत है। उसकी आंखें लाल थीं और पानी आ रहा था।ब्लेड उसकी आंखों में चला गया था और उसकी बाएं कॉर्निया को नुकसान पहुंचा था। इस सर्जिकल प्रक्रिया में जनरल एनेसथिसिया के अंतर्गत गार्डेड विजुअल प्रॉगनॉसिस में हाइफेमाड्रेनेज के साथ बाईं कॉर्निया में आई चोट को ठीक करना शामिल था। इस ऑपरेशन में डेढ़ घंटे लगेंगे और यह सफल रहा। यह ऑपरेशन ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप के साथ जनरल एनेसथिसिया के अंतर्गत चोट लगने के बाद जल्दी से जल्दी करने की जरूरत थी। समय पर ऑपरेशन न होने पर मरीज के आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती थी। मरीज को ऑपरेशन के अगले दिन रोशनी में अच्छे सुधार के साथ डिस्चार्ज कर दिया गया और इसमें कोई जटिलता नहीं थी।
डॉ. अरविंद कुमार, वरिष्ठ सलाहकार, ऑफ्थेमलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्सहॉस्पिटल, फरीदाबाद ने कहा, “यह बहुत ही चुनौती पूर्ण के सथा। प्लाक्षी की आंखें ठीक होने के आसार बेहद कम थे। हालांकि हम लगातार काम करते रहे, उसकी चोट खाई आंखों को ठीक करने के लिए ऑफ्थेमलॉजी की एनेसथेटिक टीम और सर्जिकल विभाग ने मिलकर काम किया। सर्जरी के लिहाज से यह मुश्किल और चुनौती पूर्ण के सथा।टीम वर्क और समय से किए गए उपचार से हमें सफल सर्जरी करने में मदद मिली।इंटेंसिव केयर टीम द्वारा किए गए तात्कालिक प्रयासों के बाद सर्जिकल टीम की ओर से किए गए विशेषज्ञ प्रयासों ने सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए।”
श्रीमोहित सिंह, फेसिलिटीनिदेशक, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद ने कहा, “ऐसे मामले हमेशा ही मुश्किल होते हैं। हालांकि अगर तबीयत ठीक होने के 0.1 फीसदी संभावना होने पर भी हम वह सब कुछ करते हैं जो कर सकते हैं। इस मामले में विभिन्न विशेषज्ञता ओंवालों डॉक्टरों की कई टीमों ने अपनी ऊर्जा और प्रयासों को प्लाक्षी की मदद करने के लिए केंद्रित कर लिया। कुछ समय के लिए यह अनिश्चितता की स्थिति थी लेकिन वह इस से उबरने में सफल रहीं।अब वह अपने परिवार के साथ लगभग पूरी तरह ठीक हैं।”