ट्रांसमीडिया स्टोरीटेलिंग पाठ्यक्रम को सिडनी युनिवर्सिटी से डा. अहमर महबूब ने किया संबोधित

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Faridabad News, 09 Feb 2021 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौधोगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के लिबरल आर्ट्स एंड मीडिया स्टडीज विभाग द्वारा ट्रांसमीडिया स्टोरीटेलिंग पर आयोजित मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम के दूसरे दिन सिडनी युनिवर्सिटी, आस्ट्रेलिया में सबाल्टर्न स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. अहमर महबूब तथा स्नातकोत्तर विश्वविद्यालय फरीदाबाद में एसोसिएट प्रोफेसर डा. नीरा कंवर मुख्य वक्ता रहे। इस पाठ्यक्रम में लगभग 300 प्रतिभागी भाग ले रहे है। दूसरे दिन सत्र का संयोजन एवं संचालन डॉ. दिव्य ज्योति सिंह द्वारा वर्चुअल संवाद के माध्यम से किया गया।

भाषाविज्ञान के क्षेत्र में लंबा अनुभव रखने वाले डा. अहमर महबूब ने सबाल्टर्न परिपेक्ष्य में कहानी कहने की अवधारणा की व्याख्या की तथा बताया कि आज के परिपेक्ष्य में इसके क्या मायने हैं। उन्होंने इस विषय से जुड़ी कई तरह की बातें विद्यार्थियों के समक्ष रखी जैसे औपनिवेशिक काल में ब्रिटेन के लिए शक्कर का क्या महत्व था अथवा ड्रग्स को हथियार की तरह कैसे इस्तेमाल किया गया। उन्होंने सबाल्टर्न दृष्टिकोण की अवधारणा को विस्तार से बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि “सबाल्टर्न एक सिद्धांत नहीं है अपितु एक अभ्यास है। यह उस तरह से व्यावहारिक नहीं, जिसका उपयोग समाधान के लिए किया जा सके। उन्होंने परिमित और अनंत लक्ष्यों के बारे में बात करते हुए कहा कि शिक्षा एक अनंत लक्ष्य है, जिसे सैद्धांतिक रूप से कभी प्राप्त नहीं किया जा सकता। हालांकि एक परिमित लक्ष्य के रूप में संसाधन का उपयोग करते हुए ज्ञान का अर्जन किया जा सकता है। एनिमेशन के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने जागरुकता अभियान के लिए इसके उपयोग पर बल दिया।

डाॅ. नीरा कंवर ने अपने संबोधन में कहा कि आधुनिकता के दौर में कहानी कहने का तरीका बदला है और इसने कहानी रोचक बनाया है। बदलते समय के साथ कहानियों ने कल्पना को नया आकार दिया है जिसका असर समाज पर भी दिखता है। इस प्रकार, ट्रांसमीडिया की शक्ति का एहसास हम कर सकते हैं। उन्होंने विषय से जुड़ी कई अन्य तरह की बातें भी प्रतिभागियों के समक्ष रखी।

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