Faridabad News : आमतौर पर यह माना जाता है कि घुटने बदलने वाली सर्जरी सफल नहीं होती है इस सर्जरी के बाद चलना भी असंभव हो सकता है और व्यक्ति ऑपरेशन कराने के बाद ऑपरेशन के पहले की स्थिति से भी खराब हो सकती है एवं अधिक उम्र के लोगों में यह ऑपरेशन नहीं हो सकता है। एशियन अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. आशुतोष श्रीवास्तव जानकारी देते हुए बताया कि घुटने को बदलने का ऑपरेशन संपूर्ण रूप से सफल है और क्योंकि यह रिप्लेसमेंट सर्जरी है इसलिए मरीज को दूसरे दिन बदले हुए घुटने पर पूरा वजन देकर खड़ा करते हैं और चलाते हैं। ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति बहुत बेहतर हो जाने के साथ ही उसकी चलने-फिरने की क्षमता में भी काफी सुधार हो जाता है और जिन मरीजों का कम चल पाने के कारण वजन बढ़ रहा होता है। उनका वजन बढऩा भी रुक जाता है और शरीर का वजन कम भी हो जाता है। यह ऑपरेशन डायबिटीज हृदय रोग श्वास रोग एवं और भी बीमारियों के मरीजों में सफलतापूर्वक किया जा सकता है। केवल इन बीमारियों के लिए उचित मार्गदर्शन एवं संबंधित सुपर स्पेशलिस्ट से परामर्श एवं उनके द्वारा सुझाए गए टेस्ट करवाने की जरूरत होती है यह सर्जरी कितनी भी अधिक उम्र में हो सकती है 96 वर्ष के मरीजों में भी सफलतापूर्वक यह सर्जरी को किया है।