Faridabad News, 05 July 2019 : शिक्षा और कौशल विकास किसी भी देश के विकास की दिशा में निवेश हैं। हम एसोचैम (ASSOCHAM) और ईपीएसआई (EPSI) जैसे मंचों से; शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता पर जोर दे रहे हैं क्योंकि वह ऐसे स्तंभ हैं जो भारतीय अर्थव्यवस्था को उच्च गति की ओर ले जा सकते हैं।
हम भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का धन्यवाद करना चाहते हैं, कि उन्होंने हमारी सिफारिशों को स्वीकार कर 2019 के अपने केंद्रीय बजट में इन तीन मुख्य क्षेत्रों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है।
अनुसंधान के लिए निधि और समन्वय के लिए ‘नेशनल रिसर्च फाउंडेशन’ की स्थापना समग्र शोध पर्यावरण-प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में सकारात्मक कदम है। अधिक से अधिक स्वायत्तता को बढ़ावा देने और अकादमिक परिणामों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उच्च शिक्षा की नियामक प्रणालियों में व्यापक सुधार के लिए हमारी सिफारिश को स्वीकार करने के लिए भी हम उनका धन्यवाद करते हैं। भारत के उच्च शिक्षा आयोग (HECI) की स्थापना का मसौदा कानून एक स्वागत योग्य कदम है।
उद्योग और अकादमी संयुक्त रूप से भारत को उच्च शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए अलग-अलग मंचों से सुझाव दे रहे थे और बजट 2019 में इन पर जोर दिया गया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों में बदलने पर ध्यान केंद्रित करती है और “भारत में अध्ययन” क्षेत्र और प्रकारों को प्रोत्साहन देगी।
भविष्य की नौकरियों के लिए कौशल चिंता का एक क्षेत्र रहा है। रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे स्कूलों में नए-पुराने कौशल पर गहन ध्यान देने का सुझाव निश्चित रूप से अगली पीढ़ी को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत खिलाड़ियों के विकास के लिए राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड छोटी उम्र से ही उपलब्धि हासिल करने वालों की पहचान करने और उनका पोषण करने की एक अच्छी योजना है।
डॉ. प्रशांत भल्ला
अध्यक्ष, एसोचैम राष्ट्रीय शिक्षा परिषद
कोषाध्यक्ष, भारत के लिए शिक्षा संवर्धन सोसाइटी
अध्यक्ष, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान