Faridabad News, 24 Sep 2018 : फ्रांस, पौलेन्ड और लिथुआनिया के शैक्षणिक दौरे पर गए डॉ0 प्रताप चौहान को लिथुआनिया में सांसदों, सेन्ट्रल हैल्थ कमीशन के प्रमुखों और कई स्वास्थ्य संस्थाओं को संबोधित करने के लिए आमन्त्रित किया गया।
सम्बोधन के दौरान डॉ. प्रताप चौहान ने बताया कि रोगों की रोकथाम द्वारा राष्ट्र निर्माण में आयुर्वेद की क्या उपयोगिता और संभावना हो सकती है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के सिद्धान्तों का पालन करते हुए रोगों से कैसे बचा जा सकता है जिसका सीधा असर स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को कम करने, लोगों की कार्य क्षमता बढ़ाने और देश की उन्नति में भागीदारी पर पड़ेगा। क्रोनिक व लाइफस्टाइल बीमारियाँ जैसे-डायबिटिज, स्ट्रेस, ओबेसिटी, हार्ट डिजीज आज विश्व के सभी विकसित व विकासशील देशों की प्रमुख समस्या बन चुकी है। इस वैश्विक समस्या के लिए आयुर्वेद एक महत्त्वपूर्ण समाधान है।
डॉ. चौहान ने सभी विशिष्ट नेताओं को जीवा आयुर्वेद द्वारा विगत 25 वर्षों से प्रिसिजन मेड़िसिन और प्रिवेन्टिव हेल्थ केयर क्षेत्र में किए जा रहें कार्यों की जानकारी दी और यह कार्य दिखाने के लिए उनको भारत आने का निमन्त्रण दिया। सम्बोधन के बाद उन्होंने प्रेस व राष्ट्रीय टीवी चैनल्स के सदस्यों से भी बातचीत की।
जीवा-परिचय: आधुनिक परिवेश में चिकित्सा व स्वास्थ्य के प्राचीन वैदिक विज्ञान को पुनजीवित करते हुए एक स्वस्थ, प्रसन्न व शांति-पूर्ण समाज की स्थापना करने के उद्देश्य से जीवा आयुर्वेद की नींव 1992 में रखी गई थी। हर घर आयुर्वेद को पहुँचाने के मिशन की शुरुआज डॉ. प्रताप चौहान ने एक सामान्य से क्लीनिक के साथ की थी जो आयुर्वेद के क्षेत्र में आज एक अग्रणी व विश्वसनीय नाम बन चुका है। जीवा मेड़िकल एवं रिसर्च सेन्टर विश्व के सबसे बड़े आयुर्वेदिक टेलीमेड़िसिन सेन्टर में से एक है। प्रतिदिन 8,000 से अधिक रोगियों को लगभग 500 आयुर्वेदिक डॉक्टर्स व हैल्थ केयर प्रोफेशनल्स द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है। पूरे भारत में 16 से अधिक राज्यों में जीवा के 75 से अधिक क्लीनिक हैं। फरीदाबाद में स्थित HACCP, GMP o ISO प्रमाणित मेन्युफेक्चरिंग सेन्टर में जीवा अपनी सैकड़ों दवाइयाँ व प्रॉडक्ट्स बनाता है।