Faridabad News, 10 Dec 2020 : हरियाणा सरकार ने जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में पर्यावरण विज्ञान विभाग की अध्यक्ष तथा एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रेणुका गुप्ता को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और निकटवर्ती क्षेत्रों के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की अनुसंधान और विकास पर उप-समिति का सदस्य नामित किया है।
आयोग की अनुसंधान और विकास पर उप-समिति में डॉ. रेणुका गुप्ता हरियाणा से एकमात्र सदस्य होंगी जोकि तकनीकी संस्थानों के साथ मिलकर वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले पर्यावरण प्रदूषण से संबंधित जांच तथा अनुसंधान का संचालन करेंगी।
हरियाणा पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग जारी पत्र के अनुसार, आयोग की अनुसंधान और विकास पर उप-समिति उन तीन उप-समितियों में से एक है जिनमें हरियाणा का प्रतिनिधित्व करेगा। अन्य दो समितियाँ निगरानी और पहचान पर उप-समिति और सुरक्षा और प्रवर्तन पर उप-समिति हैं।
कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने राज्य सरकार द्वारा डॉ रेणुका गुप्ता दी बड़ी जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में पर्यावरण का क्षरण, विशेष रूप से वायु की गुणवत्ता एक प्रमुख चिंता है जो मानव स्वास्थ्य, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र और मानव निर्मित पर्यावरण पर बड़े हानिकारक प्रभावों के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उप-समिति तथा सहयोगी संस्थान के रूप में विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण के लिए अभिनव या वैज्ञानिक समाधान प्रदान करने में सक्षम होंगा। उन्होंने कहा कि इस समस्या का निदान प्राथमिकता से करने की आवश्यकता है।
डॉ. रेणुका गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय पहले से ही इस दिशा में अनुसंधान और विकास गतिविधियों का संचालन कर रहा है। विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाएं कणों के अलग-अलग अंशों के नमूने, गैसीय प्रदूषकों और इनडोर और बाहरी हवा से भारी धातु अंशों के नमूने लेने की सुविधाओं से पूरी तरह सक्षम हैं। इसके अलावा, वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत्रों की पहचान तथा इसके समाधान के लिए गुणवत्ता अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए नई सुविधाओं को विकास किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और निकटवर्ती क्षेत्रों के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का गठन किया है, जो पांच उत्तर भारतीय राज्यों, जिनमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को शामिल हैं, में वायु प्रदूषण के स्रोतों की निगरानी और कार्रवाई करने के लिए अधिकृत हैं। इस आयोग ने एनसीआर क्षेत्र में पहले से काम कर रहे पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) का स्थान लिया है।