Faridabad News, 06 July 2020 : डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 119वीं जयंती के शुभ अवसर पर अजरौंदा मंडल ने सेक्टर-11 स्थित विधायक नरेंद्र गुप्ता के कार्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक नरेंद्र गुप्ता, जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा तथा अन्य भाजपाइयों ने डा. मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित व दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
इस अवसर पर विधायक नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को एक संभ्रांत परिवार में हुआ था। महानता के सभी गुण उन्हें विरासत में मिले थे। उनके पिता आशुतोष बाबू अपने जमाने ख्यात शिक्षाविद् थे। डॉ. मुखर्जी ने कर्मक्षेत्र के रूप में 1939 से राजनीति में भाग लिया और आजीवन इसी में लगे रहे। उन्होंने गांधीजी व कांग्रेस की नीति का विरोध किया, जिससे हिन्दुओं को हानि उठानी पड़ी थी।
जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने कहा कि डॉ. मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांतवादी जननेता थे और इस धारणा के प्रबल समर्थक थे कि सांस्कृतिक दृष्टि से हम सब एक हैं इसलिए धर्म के आधार पर विभाजन के वे कट्टर विरोधी थे। मुखर्जी मानते थे कि विभाजन संबंधी उत्पन्न हुई परिस्थिति ऐतिहासिक और सामाजिक कारणों से थी। वे मानते थे कि आधारभूत सत्य यह है कि हम सब एक हैं। हममें कोई अन्तर नहीं है। हम सब एक ही रक्त के हैं। एक ही भाषा, एक ही संस्कृति और एक ही हमारी विरासत है।
इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष वजीर सिंह डागर, मंडल अध्यक्ष कुलदीप साहनी, नीरज मित्तल व टोनी पहलवान ने संयुक्त रूप से कहा कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35ए हटाने का मुख्य संकल्प मुखर्जी द्वारा लिया गया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह द्वारा पूरा किया गया वहीं जम्मू कश्मीर व माता वैष्णो देवी जाने के लिए लोगों को जो परमिट लेना पड़ता था, उसे भी उस समय की मौजूदा सरकार द्वारा हटाने का मुख्य श्रेय डा. मुखर्जी को जाता है।
इस मौके पर पार्षद सुभाष आहूजा, सचिन शर्मा, विनोद भाटी, प्रवीण चौधरी, हरिकिशन चौहान, कमल सौरोत, गोल्डी बरेजा, किरण सौरोत, शारदा गर्ग, सीमा भारद्वाज, दीपक दौलताबाद एवं अन्य लोगों ने भी मुखर्जी को श्रद्धांजलि व्यक्त की।