फरीदाबाद : फ़रीदाबाद् शहर के अग्रणी नागरिक संगठन सेव फरीदाबाद ने आज निगम चुनावों में लगातार हो रही देरी का अनोखे तरीके से विरोध किया। सेव फरीदाबाद संस्था के नेतृत्व में शहर के अनेक समाजसेवियों, निगम चुनाव प्रत्याशी व प्रबुद्ध वर्ग ने आज फरीदाबाद के लोकतंत्र की शव यात्रा में हिस्सा लिया। उन्होंने बारी बारी फरीदाबाद के लोकतंत्र की अर्थी को कन्धा दिया।
संस्था के संयोजक पारस भारद्वाज ने लोकतंत्र की हत्या लिए सरकार और स्थानीय सत्ता पक्ष के नेताओं को ज़िम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि वार्डबंदी का बहाना बनाकर एक सोचे समझे षड्यंत्र के तहत निगम चुनावों को रोका जा रहा है। अभी हाल ही में चुनाव आयोग ने सरकार द्वारा वार्डबंदी के लिए की गयी जनगणना को गलत करार देकर खारिज कर दिया और पुन: वार्डबंदी के आदेश दे दिए हैं। वार्डबंदी के चलते चुनाव पहले ही एक साल देरी से हो रहे हैं।प्रवासी जनसेवा समिति के महासचिव अमित शर्मा ने कहा कि पिछले निगम के कार्यकाल में हज़ारों करोड़ के घोटाले हुए , फाइलों में आग लगाई गयी और बिना काम के करोड़ों का भुगतान फ़र्ज़ी तरीके से किया गया। ऐसे में जब सरकार का चाल और चरित्र जनता के सामने है तो चुनाव ना करवाने के पीछे किसी और बड़े घोटाले को अंजाम देने की चाल नज़र आती है। चुने हुए जनप्रतिनिधि ना होने के कारण सांसद , विधायक और अधिकारी मिल कर क्या गुल खिला रहे हैं इस पर नज़र रखने वाला कोई नहीं है।
वार्ड नंबर 32 से प्रत्याशी और सेव फरीदाबाद के सदस्य रिंकू सिलानी ने आरोप लगाया कि वार्डबंदी में जनगणना जैसा महत्वपूर्ण काम एक ऐसी कंपनी को दिया गया जिसको इसका कोई भी अनुभव नहीं था।
समाजसेवी जसवंत पंवार व अरुण भारतीय ने कहा कि सत्तापक्ष ने वार्डबंदी के द्वारा शहर को जनता की नहीं वरन अपनी सहूलियत और अपने प्रत्याशियों के चुनाव जीतने की संभावनाओं के आधार पर बांटा। यह सीधा सीधा लोकतंत्र की निर्मम हत्या करने के सामान है।
इस शव यात्रा में इंद्रा कोठारी,अमित शर्मा ,हेमंत शर्मा , विकास दूबे, किरण दूबे, रमेश गुलिया, हरिदत्त शर्मा, अरुण यादव , कपिल आर्य, डॉ सनत सेन, भुवनेश कुमार, शशिपाल मास्टर जी, राम राय , सुशील कुमार ,जयप्रकाश व अन्य सैंकड़ों समाजसेवी उपस्थित रहे।