Faridabad News, 14 Oct 2021: दयालबाग स्थित सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल मे वैयक्तिक बुराई पर विजय का प्रतीक पर्व दशहरा मनाया गया। संपूर्ण भारत में मनाया जाने वाला यह त्योहार नवदुर्गा पूजन की श्रंखला में अंतिम दिन मनाया जाता है, जिसमें रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के पुतले दहन कर आम जन सामाजिक व वैयक्तिक बुराइयों के अंतिम हश्र का स्वरूप देखता है व यह संदेश अगली पीढ़ी तक जाता है कि अच्छाई की जीत सदैव होती है।
कार्यक्रम में सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल के मुख्य निदेशक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र भड़ाना, प्रधानाचार्या श्रीमती शुभ्रता सिंह, उप-प्रधानाचार्या श्रीमती नंदा शर्मा, सीनियर कोऑर्डिनेटर डॉक्टर अमृता शुक्ला ने सभी शिक्षकों के साथ संकेतात्मक रावण दहन में हिस्सा लिया। इस मौके पर स्कूल के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने रामायण के पात्रों के मुखोटे तैयार किए तथा कुछ बच्चों ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम, लक्ष्मण , भरत , शत्रुघ्न,दशरथ, कौशल्या आदि पात्रों का अभिनय कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर स्कूल के मुख्य निदेशक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र भड़ाना ने सभी को दुर्गा पूजा और दशहरा की शुभकामनाएं देते हुए बताया कि इसे असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि दशहरा का पर्व 10 प्रकार के पापों , क्रोध, लोभ, मोह , मद, मत्सर , अहंकार , आलस्य हिंसा, अनैतिक कार्यों को छोडऩे की प्रेरणा देता है इसलिए हमें सदैव ईमानदार होकर पूर्ण निष्ठा के साथ सत्य का अनुसरण करना चाहिए।
स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती शुभ्रता सिंह ने कहा कि ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार भगवान राम ने रावण को मारने के लिए चंडी देवी की पूजा की थी इसके बाद ही राम द्वारा रावण का वध किया गया। अत: शक्ति का आवाहन प्रत्येक बुराईक को समाप्त करने हेतु किया जाता है इसीलिए हम पहले 9 दिन शक्ति की उपासना कर दशहरे के दिन शक्ति के साथ बुराइयों का अंत करते हैं और असत्य पर सत्य की पताका लहराते हैं।