Faridabad News, 22 Sep 2018 : शहर के कुछ राजनेताओं द्वारा पैदा की जा रही दखलंदाजी के कारण हर बार टाउन के दशहरा उत्सव के आयोजन के लिए कुछ संस्थाओं में विवाद होता है। सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर मार्केट नंबर-एक गत 67 सालों से इसका आयोजन करता रहा है, लेकिन पिछले तीन सालों से विवाद के कारण उसे नेतृत्व नहीं मिल पा रहा है। अब इस मंदिर में आल इंडिया सनातन धर्म संस्था की बैठक होगी, जिसमें दशहरा उत्सव के नेतृत्व को लेकर गहन मंथन किया जाएगा। दावा किया जा रहा है कि इस बैठक में 102 संस्थाएं शिरकत करेंगी।
टाउन का दशहरा उत्सव इस शहर के सबसे बड़े उत्सवों में शुमार होता है, लेकिन मूंछों की लड़ाई के चक्कर में पिछले तीन सालों से यह उत्सव राजनीति का अखाड़ा बन गया है। इस विवाद में पूर्व भाजपा विधायक चंदर भाटिया एक बार केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और विधायक सीमा त्रिखा के पुतलों को जूते मार चुके हैं, तो एक बार सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर के राजेश भाटिया का रावण बिना दहन के ही रह गया था। गत वर्ष विवाद बढ़ जाने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्वयं ही मुख्य अतिथि बनकर उत्सव मनवाया था। अब दशहरा उत्सव के नजदीक आने पर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। भाजपा की गर्भनाल से जुड़े चंदर भाटिया और भाजपा विधायक सीमा त्रिखा के बीच बड़खल विधानसभा क्षेत्र में फिर से पटेबाजी होने की पृष्ठभूमि रची जानी शुरू हो गई है।
मंदिर के महासचिव राजेश भाटिया ने मीडिया को बताया कि शहर के दो राजनेताओं द्वारा पैदा की जा रही दखलंदाजी के कारण सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर मार्केट नंबर एक के बैनर तले 67 साल से भव्य रूप से मनाए जाने वाला दशहरा उत्सव नहीं मना पा रहा है। इन दोनों नेताओं के प्रशासनिक दबाव के कारण किसी साल दशहरा न मनाने की परमीशन नहीं दी जाती है, तो किसी साल दशहरा मैदान नहीं दिया जाता है। इसलिए संस्था तीन साल से दशहरा नहीं मना पा रही है। रविवार को होने वाली आल इंडिया सनातन धर्म संस्था की बैठक में इस मुद्दे पर गहन मंथन कर यह निर्णय लिया जाएगा कि इस बार दशहरा मनाया जाए या नहीं। यह बैठक दो चरणों में होगी। राजेश भाटिया ने उम्मीद जताई है कि इस बार दशहरा उत्सव को लेकर प्र्शासन उन्हें पूरा सहयोग करेगा। यदि प्रशासन उनका सहयोग करता है, तो वे इस बार भव्य तरीके से दशहरा मनाएंगे।
पहली बैठक सुबह 11 बजे
राजेश भाटिया ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि पहली बैठक सुबह 11 बजे आल इंडिया सनातन धर्म संस्था की होगी। इसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत स्वरूप बिहारी करेंगे। इस बैठक में कई राज्यों से संस्था के करीब 45-45 पदाधिकारी शिरकत करेंगे। इस बैठक में इस बात पर मंथन होगा कि जब 67 साल से सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर दशहरा उत्सव मनाता आ रहा है, तो तीन साल से भाजपा के कें्रद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और विधायक सीमा त्रिखा क्यों हस्तक्षेप कर रहे हैं। इनके प्रशासनिक हस्तक्षेप के कारण ही संस्था दशहरा नहीं मना पा रही है। संस्थाएं इस मुद्दे पर सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर निर्णय लेंगी कि दशहरा इस बार मनाया जाए या नहीं। या फिर उसे क्या कदम उठाना चाहिए।
असली फैसला दूसरी बैठक में
राजेश भाटिया के अनुसार इसी मुद्दे को लेकर दूसरी बैठक सुबह 12 बजे होगी। इसमें शहर की 102 संस्थाएं भाग लेंगी। बैठक में महारानी वैष्णो देवी मंदिर, सेवा समिति, शिवालय मंदिर, व्यापार मंडल, आल इंडिया बन्नू बिरादरी सहित शहर की महत्वपूर्ण सौ से ज्यादा संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। यह बैठक सवा एक बजे तक चलेगी। इस बैठक में भी यही मंथन होगा कि तीन साल से जिस तरह से दशहरा उत्सव को लेकर राजनीतिक दखलंदाजी पैदा की जा रही है, उसे देखते हुए इस बार दशहरा मनाए जाए या नहीं। इस बैठक में संस्थाओं के जो पदाधिकारी निर्णय लेंगे। उसके बाद सवा एक बजे सभी संस्थाओं की मौजूदगी में पत्रकारवार्ता कर घोषणा कर दी जाएगी कि इस बार दशहरा मनाए जाए या नहीं। यदि दशहरा मनाने का निर्णय लिया जाता है, तो उसी समय उत्सव की तैयारियों का मुहूर्त कर दिया जाएगा।