Faridabad News, 13 March 2021 : डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल के सहयोग से फरीदाबाद के रिसर्च प्रमोशन सेल ने एमबीए और एमसीए के प्रथम वर्ष और राज्य के अन्य कॉलेजों के छात्रों के लिए 13 मार्च 2021 को ई वर्कशॉप का आयोजन किया।सत्र का विषय उद्यमिता और आईपीरण नीति था। दिन की वक्ता सुश्री मानवी कुंडू, सहायक प्रोफेसर, गीता इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ, पानीपत थीं।उन्होंने स्टार्टअप के लिए बौद्धिक संपदा के महत्व और बौद्धिक संपदा का अधिकतम लाभ लेने के लिए क्या रणनीति लागू की जा सकती है, पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहाकि सभी के लिए अपने विचारों और उद्यमियों की रक्षा करना महत्वपूर्ण है; इस निवेश को सुरक्षित रखना आवश्यक है।बौद्धिक संपदा अपने उद्यम क्षमता और रचनात्मकता को बाजार मूल्य और प्रतिस्पर्धा में बदलने में नए उपक्रमों की मदद करने में महत्वपूर्ण हो सकती है।बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) का उपयोग, अवधारणा के पीछे की प्रौद्योगिकी, ब्रांडनाम, डिजाइन और रचनात्मकता की रक्षा के लिए किया जा सकता है।
प्रमुख निदेशक डॉ संजीव शर्मा, ने कहाकि बौद्धिक संपदा निर्माता को अवधारणा का एक मात्र स्वामित्व देती है, उसी तरह जैसे घर या कार जैसी भौतिक संपत्ति के मालिक होने के लिए।मालिक वित्तीय इनाम पाने के लिए अपनी बौद्धिक संपदा के उपयोग को नियंत्रित कर सकते हैं।
वाइस प्रिंसिपल डॉ रितु गांधी अरोड़ा ने इस ई वर्कशॉप के आयोजन के लिए संयोजक, रिसर्च प्रमोशन सेल, डॉ सुनीता बिश्नोई और टीम के सदस्यों डॉ गुरजीत कौर, सुश्री प्रीति बाली, डॉ जूही कोहली, डॉ दीपक शर्मा, सुश्री रितु गौतम और सुश्री अर्चना मित्तल, इन्फ्रास्ट्रक्चरल सपोर्ट के लिए डॉ महेन्द्र बिश्नोई, तकनीकी सहायता के लिए डॉ अशिमा टंडन और हरीश रावत और मीडिया सहायता के लिए सुश्री रीमा नांगिया और सुश्री वंदना जैन के प्रयासों की सराहना की।