पाराशर के मुताबिक़ जहां इन स्कूलों के द्वारा फीसों में भारी बढ़ोतरी की जा रही है वहीं आई कार्ड के नाम पर भी ठगी की जा रही है। पाराशर ने कहा कि यह खुली लूट है व निजी स्कूलों की शैक्षणिक अराजकता है। इस तरह यह निजी स्कूलों की मनमानी है। पाराशर ने फरीदाबाद की जनता से अपील की है कि इस लूट किसी भी सूरत में बर्दाश्त न करें और अगर किसी स्कूल में लूट की दुकान खुली देखें तो मेरे पास उसकी तस्वीरें व् वीडियो भेजें मैं उन लुटेरों को कोर्ट में घसीटूंगा। पाराशर ने कहा कि शहर के कई स्कूल ऐसे हैं जो किसी संस्था के नाम पर हैं और इन संस्थाओं के लोगों ने सरकार से बहुत कम कीमत पर जमीन ली और वहां स्कूल चला रहे हैं और जनता को ठग रहे हैं।
पाराशर के कहा कि आंकड़ा लगाया जाए तो इन दिनों में हर घर से कम से कम 10000 रूपये औसतन इन लुटेरों के पास जायेंगे क्यू कि किसी किसी घर से कई कई बच्चे इन स्कूलों में पढ़ते हैं और बहुत कम छात्र ही सरकारी स्कूल पहुँचते हैं और किसी-किसी निजी स्कूल में एक लाख रूपये से काफी ज्यादा दाखिला चार्ज है। पाराशर ने कहा कि कॉपी, किताब, जूते, जुर्राब, ड्रेस सहित कई अन्य तरीके से ये स्कूल जनता को लूट रहे है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनसख्या लगभग ढाई करोड़ है और कम से कम 50 लाख छात्र निजी स्कूलों में पढ़ते हैं और दस हजार से आंकड़ा लगाया जाए तो इन्ही दिनों निजी स्कूलों के पास यहाँ की जनता का लगभग 50 अरब रूपये इन स्कूलों वालों के पास जायेगा। पाराशर ने कहा ये एक बहुत बड़ी लूट है और शिक्षा माफिया इस समय देश के सबसे बड़े लुटेरे है। उन्होंने कहा कि सरकार की कमी के कारण सरकारी स्कूलों की हालत ख़राब हो रही है जिसका फायदा निजी स्कूल वाले उठा रहे हैं।