मानव रचना में एकत्रित हुए देशभर के शिक्षाविद

0
1476
Spread the love
Spread the love

Faridabad News : मानव रचना शैक्षणिक संस्थान में ऑल इंडिया एसोसिशएन ऑफ वाइस चांसलर एंड अकैडमीशियंस (AIAVCA) की नेशनल कन्वेंशन ऑन हायर एजुकेशन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मिनिस्ट्री ऑफ एचआरडी के एमओएस डॉ. सत्यपाल सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। इस दौरान AIAVCA के अध्यक्ष प्रोफेसर लोकेश शेखावत, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के वीसी और  AIAVCA  के उप-प्रधान डॉ. एनसी वाधवा, मानव रचना यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. संजय श्रीवास्तव, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष और AIAVCA के संरक्षक डॉ. प्रशांत भल्ला, AIAVCA के सचिव प्रोफेसर बीएन पांडे, हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी (महेंद्रगढ़) के चांसलर डॉ. पीएल चतुर्वेदी, जेएस यूनिवर्सिटी (शिकोहाबाद) के चांसलर सुकेश कुमार, अकैडमिक अवेकनिंग के चीफ एडिटर कर्नल (डॉ.) प्रो. एसएस सारंगदेवत मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडीशा, तमिलनाडु, यूपी, बिहार, असम, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा समेत देशभर के शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया।

इस दौरान अकैडमिक अवेकनिंग नाम की एक राष्ट्रीय मैगजीन का भी विमोचन किया गया। यह मैगजीन साल में तीन से चार बार छापी जाएगी। इसमें शिक्षा से जुड़ी जानकारियां होंगी।

अपने संबोधन में डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा, शिक्षा का मूल रूप मानव की रचना करना है और डॉ. ओपी भल्ला ने अपने शैक्षणिक संस्थान के लिए बहुत ही बेहतरीन नाम चुना, उसके लिए मैं उनकी सराहना करता हूं। उन्होंने कहा कि, शिक्षा को दो भागों में बांटा गया है, लोअर और हायर, मैं इस बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं। शिक्षा हमेशा ही हायर होती है। डॉ. सत्यपाल ने कहा कि, मैं इस बात से भी सहमत नहीं हूं कि हमारे मंत्रालय का नाम एमएचआरडी है, इसका नाम शिक्षा मंत्रालय ही होना चाहिए, क्योंकि रिसोर्स जमीन होती है, मशीन होती है, पैसा होता है लेकिन इंसान नहीं। उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षा में सुधार की उम्मीद करते हैं। हमारी सरकार का मकसद पूरी दुनिया को चरित्र की शिक्षा देना है। शिक्षा चरित्रवान होगी तभी फायदा होगा। उन्होंने अपने ही अंदाज में कहा कि, राजनीतिक लोग ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते हैं, पढ़े-लिखे तो सिर्फ शिक्षाविद होते हैं, हमें आपसे बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा, जब तक स्कूलों में शिक्षा का स्तर नहीं सुधरेगा तब-तक बच्चे आगे नहीं बढ़ेंगे। बच्चों को क्रिएटिव बनाना शिक्षकों के हाथ में है। कुछ भी करने से पहले एक अच्छा इंसान बनो। ज्ञान और विज्ञान सूर्य की तरह है।

पीएचडी करने वाले अपना फायदा सोचते हैं और अलग-अलग  सब्जेक्ट में रिसर्च करते हैं, मेरा मानना है कि उन्हें एक ही सब्जेक्ट में रिसर्च करनी चाहिए। हमें क्वालिटी में विश्वास रखना चाहिए, क्वांटिटी में नहीं। हम विदेश से लोगों को बुलाते हैं, अपने लोगों पर हमें विश्वास क्यों नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here